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धुंए के आगोश में शिमला: दो दिनों में वायु प्रदूषण ढ़ाई गुना बढा, स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का डर

locationनई दिल्लीPublished: Jun 16, 2018 09:42:33 am

Submitted by:

Kiran Rautela

देश के मैदानी हिस्सों की तरह अब हिमाचल भी धुंए के आगोश में समा गया है।

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धुंए के आगोश में शिमला: दो दिनों में वायु प्रदूषण ढ़ाई गुना बढा, स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों का डर

नई दिल्ली। देश के मैदानी हिस्सों की तरह ही अब हिमाचल भी धुंए के आगोश में समा गया है। पहाड़ों की रानी कही जाने वाली शिमला में भी वायु प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है।
जानकारी है कि धूल के गूबार ने पिछले दो दिनों में शिमला का प्रदूषण स्तर दो से ढ़ाई गुना बढ़ा दिया है। वहीं मौसम विभाग ने बताया है कि इससे छुटकारा पाने का एकमात्र उपाय बारिश ही है। बारिश से ही इस धूल के गूबार को शांत किया जा सकता है।
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धुएं की वजह से शिमला की विजिबिलिटी बहुत कम हो गई है, जिससे वहां का यातायात बहुत प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे हालतों में वहां पर गाड़ी चलाने में काफी परेशानी होती है और हादसे का भी खतरा बना रहता है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर संजीव शर्मा ने बताया कि पिछले दो दिनों में धुएं का सबसे ज्यादा प्रभाव वायु पर पड़ा है, जिससे यहां का प्रदूषण दो से ढ़ाई गुना तक बढ़ गया है।
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पिछले दो दिनों का ब्यौरा देते हुए संजीव शर्मा ने बताया कि 12 जून को प्रदूषण का स्तर 61.35 था वो अब बढ़कर 250.9 हो गया है। 1 जून से 13 जून तक शिमला की हवा की गुणवत्ता अच्छी थी लेकिन पिछले दो दिनों में वो काफी नीचे गिर गई है। आगे उन्होंने बताया कि शिमला में ऐसे हालात वेस्टर्न विंड के कारण हुए हैं, जो अपने साथ धूल के कण लाई है।
शिमला में स्वास्थ्य विभाग ने भी चिंता जताते हुए कहा कि ये स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती है। धूल के इन कणों से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई बिमारियां हो सकती हैं, खासकर अस्थमा और आंखों की बीमारियों के मरीजों के लिए ये भयानक हो सकता है।
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