सरकार को दिया है 4 हफ्ते का समय
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने सरकार को शीर्ष न्यायालय के इस साल तीन मई को दिए गए आदेश के अनुपालन में चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को तीन मई, 2017 के आदेश के अनुपालन में चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने दीजिए। मामले को चार सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पिछले साल अप्रैल में दाखिल की गई थी।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने सरकार को शीर्ष न्यायालय के इस साल तीन मई को दिए गए आदेश के अनुपालन में चार सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार को तीन मई, 2017 के आदेश के अनुपालन में चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने दीजिए। मामले को चार सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पिछले साल अप्रैल में दाखिल की गई थी।
क्या है मामला?
दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह ने एक सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जब 2005 में उन्होंने पिटीशन दायर की थी तब 82 लोगों को जम्मू-कश्मीर से डिटेन किया गया था। सिंह ने याचिका में मांगी की थी कि भारत की जेलों में बंद जिन विदेशी कैदियों की सजा पूरी हो गई हो, उन्हें रिहा कर दिया जाए।
दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह ने एक सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि जब 2005 में उन्होंने पिटीशन दायर की थी तब 82 लोगों को जम्मू-कश्मीर से डिटेन किया गया था। सिंह ने याचिका में मांगी की थी कि भारत की जेलों में बंद जिन विदेशी कैदियों की सजा पूरी हो गई हो, उन्हें रिहा कर दिया जाए।
पाकिस्तानी कैदियों को भी रिहा करने की हुई थी मांग
सिंह ने याचिका में पाकिस्तानी कैदियों का भी जिक्र किया था। इस याचिका में उन पाकिस्तानी कैदियों का भी नाम था जो बॉर्डर से अवैध तरीके से हिंदुस्तान में दाखिल हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि भारतीय जेलों में बंद 61 पाकिस्तानियों को रिहा कर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाए।
सिंह ने याचिका में पाकिस्तानी कैदियों का भी जिक्र किया था। इस याचिका में उन पाकिस्तानी कैदियों का भी नाम था जो बॉर्डर से अवैध तरीके से हिंदुस्तान में दाखिल हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि भारतीय जेलों में बंद 61 पाकिस्तानियों को रिहा कर उन्हें उनके देश वापस भेजा जाए।