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CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में खोली रेयान स्कूल की पोल, कहा- रोकी जा सकती थी प्रद्युम्न की हत्या

Published: Oct 05, 2017 07:51:40 pm

Submitted by:

Chandra Prakash

CBSE ने सुप्रीम कोर्ट में प्रद्युम्न हत्याकांड पर हलमनामा दायर कर रेयान स्कूल की पोल खोलकर रख दी है। स्कूल में बच्चों की सुरक्षा से जमकर खिलवाड़ हुआ

pradyuman murder case

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नई दिल्ली। रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्रा प्रद्युम्न ठाकुर हत्याकांड पर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। सीबीएसई ने इस हलमनामे में रेयान स्कूल की पोल खोलकर रख दी है। सीबीएसई ने कहा कि स्कूल में बच्चों की सुरक्षा से जमकर खिलवाड़ हुआ है। अगर स्कूल अपनी जिम्मेदारी समझा तो शायद ऐसी घटना नहीं होती।

सीबीएसई ने गिनाई खामियों की सूची
सीबीएसई ने बताया कि स्कूल में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। जो लगे हुए थे उनमें ज्यादातर खराब पड़े थे। हलफनामे में कहा गया है कि स्कूल में कर्मचारियों के लिए अलग शौचालय नहीं था। जिसकी वजह से स्टाफ भी बच्चों के लिए बने टॉयलेट ही इस्तेमाल करता था। यही नहीं बच्चों की परवाह किए बगैर कुछ जगहों पर बिजली बोर्ड के पैनल तक खुले हुए मिले हैं। जो बच्चों ही नहीं बड़े के लिए भी खतरनाक है। स्कूल की बिल्डिंग के जिन हिस्सों का इस्तेमाल नहीं होता है वो भी खुला पड़ा मिला है। यहां तक की बच्चों के लिए शुद्ध आरओ का पानी भी उपलब्ध नहीं था
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स्कूल की लापरवाही से हैरानी
हैरान करने वाली बात ये है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी रेयान स्कूल प्रबंधन ने इसकी जानकारी न तो पुलिस को दी और न ही शिक्षा विभाग को। प्रद्युम्न ठाकुर हत्याकांड में सीबीएसई ने 16 सितंबर को रेयान इंटरनेशनल स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। बोर्ड ने स्कूल से 15 दिन में जवाब मांगा था।
सीबीएसई की गाइड लाइन का नहीं हुआ पालन
रेयान की हत्या के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने देशभर के स्कूलों को एक गाइड लाइन भेजी है। जिसमें स्कूल परिसर के हर हिस्से पर सीसीटीवी की नजर होनी चाहिए। स्कूल के शिक्षक, कर्मचारी, सुरक्षकर्मी, माली, चपरासी, बस ड्राइवर और कंडरक्टर समेत उन सभी लोगों का वेरिफिकेशन कराएं, जो स्कूल में काम करते हैं। इसके अलावा सभी स्टाफ के मानसिक स्वास्थ्य की जांच भी होनी चाहिए। दो महीने के अंदर सभी स्कूल स्थनीय पुलिस ने स्कूल परिसर और स्टाफ का सेफ्टी और सुरक्षा जांच कराकर पूरी रिपोर्ट बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करें।
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हाथी और चींटी की इस लड़ाई में जीत चींटी की होगी
प्रद्युम्न के पिता बरुण चंद्र ठाकुर के वकील सुशील के. टेकरीवाल ने कहा कि उनकी इस कानूनी लड़ाई में सीबीएसई के हलफनामे ने सर्वोच्च न्यायालय में उनका साथ दिया है और उन्हें उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा। इस नृशंस हत्याकांड में प्रद्मुम्न के पिता को कानूनी सहायता मुहैया करा रहे मिथिलालोक फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ.बीरबल झा ने भी सीबीएसई द्वारा पेश किए गए तथ्यों का स्वागत किया और दोहराया कि हाथी और चींटी की इस लड़ाई में जीत चींटी की होगी, क्योंकि जीत हमेशा सच्चाई की होती है।

गला रेतकर हुई थी प्रद्युम्न की हत्या
बता दें कि 8 सितंबर को गुरुग्राम के भोंडसी इलाके में सोहना रोड स्थित रयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में सात वर्षीय प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उसके पिता बरुण चंद्र ठाकुर इस मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय गए।
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