सकारात्मक कहानियां सामने न आना दुख की बात –
केंद्रीय मंत्री ने समाज में जो कुछ भी अच्छा हो रहा है, उसे भी समाचार में जगह मिलने की बात कहते हुए स्वस्थ पत्रकारिता के कौशल को सुनिश्चित करने पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मीडिया में सकारात्मक कहानियों के सामने न आने पर अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि समाज में बहुत सारी रचनात्मक कहानियां हैं, लेकिन दुख की बात है कि मीडिया में किसी के पास उन्हें प्रकाशित करने का समय नहीं है।
मंत्री ने स्टूडेंट्स को खबर के बारे बताया –
केंद्रीय मंत्री ने रचनात्मक पत्रकारिता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि, “नीम कोटिंग शुरू होने के बाद से उर्वरकों की कालाबाजारी नहीं होती। मानव रहित रेलवे फाटकों पर नियमित दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिली है। स्वच्छता के मोर्चे पर भी रेलवे में भारी बदलाव है। लगभग 5000 रेलवे स्टेशनों में अब वाई-फाई की सुविधा है और देश भर में करीब 100 एयरपोर्ट लाभकारी साबित हो रहे हैं। क्या ये सब खबर नहीं है?” इससे पूर्व आईआईएमसी के डायरेक्टर जनरल प्रो. संजय द्विवेदी ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का कार्यक्रम में स्वागत किया। एडीजी के सतीश ने छात्रों को आईआईएमसी के बारे में अवगत कराया।