आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान हरचंदपुर गांव को गोद लिया था, इसके बाद से गांव में कई सुविधाएं शुरू हुईं। इस गांव को आदर्श गांव बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। तकनीकी से लेकर मूलभूत सुविधाओं तक हर क्षेत्र में तेजी से विकास काम हो रहे हैं। ग्राम सचिवालय में वाई-फाई से लेकर डिजिटल स्क्रीन तक की सुविधा होगी।
विधायक बनने से पहले तक पीएम मोदी के पास नहीं था कोई बैंक खाता, 32 साल ढूंढते रहे अधिकारी आपको बता दें कि इससे पहले ऐसे खबरें आ रही थीं कि हरियाणा में ‘प्रणब मुखर्जी फाउंडेशन’ आरएसएस के साथ मिलकर काम करेगा लेकिन बाद में इन खबरों को लेकर प्रणब मुखर्जी के ऑफिस ने एक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया कि हम स्पष्ट रूप से ये कहना चाहते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं है और न ही होने वाला है।
आरएसएस कार्यक्रम में राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर रखे थे विचार
हाल के दिनों में ये दूसरी बार है जब प्रणब मुखर्जी ने बीजेपी या उससे जुड़े किसी संगठन के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इससे पहले जून महीने में प्रणब मुखर्जी नागपुर में आरएसएस मुख्यालय के एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। आरएसएस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए प्रणब मुखर्जी ने अपने संबोधन में राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशभक्ति पर अपने विचार रखे थे।
फारूकः कश्मीर पर नई दिल्ली ने की कई गलतियां, अब लोगों के दिलों को जीतें बेटी ने भी जताई थी नाखुशीजब पूर्व राष्ट्रपति ने आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला लिया था तो उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी भी नाराज हो गई थीं। यही नहीं प्रणब मुखर्जी के फैसले के बाद कांग्रेस के एक धड़े में विरोध के स्वर भी उठे थे। कुछ नेताओं ने मुखर्जी से दौरा रद्द करने की मांग तक कर डाली थी। हालांकि प्रणब दा के शामिल होने और उनके भाषण के बाद उन्होंने अपने सभी आलोचकों के मुंह बंद कर दिए थे।