script

मानहानि मामले पर प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीन हफ्तों में दें जवाब

locationनई दिल्लीPublished: Feb 06, 2019 04:44:38 pm

Submitted by:

Anil Kumar

मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है।

मानहानि मामले पर प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीन हफ्तों में दें जवाब

मानहानि मामले पर प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ी, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- तीन हफ्तों में दें जवाब

नई दिल्ली। सीबीआई के दो बड़े अफसरों की लड़ाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करना वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत को महंगा पड़ गया है। दरअसल एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया था। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को बरकरार रखते हुए यह आदेश दिया था कि नागेश्वर राव कोई भी नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे। कोर्ट के इस फैसले पर प्रशांत भूषण ने ट्वीट करते हुए अपनी नाराजगी जताई थी और कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सही नहीं है। इस पर अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल तथा केंद्र सरकार ने अवमानना की याचिका दायर की। अब अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए प्रशांत भूषण से जवाब मांगा है। कोर्ट ने भूषण को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया गया है।

https://twitter.com/ANI/status/1093029563112673280?ref_src=twsrc%5Etfw

 

सात मार्च को होगी अगली सुनवाई

आपको बता दें कि जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत इस सवाल पर विचार करेगी कि क्या कोई वकील या अन्य व्यक्ति किसी विचाराधीन मामलों को लेकर अदालत की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र है या नहीं। यदि है तो क्या इससे जनमत प्रभावित हो सकता है। कोर्ट ने आगे कहा कि अदालत की आलोचना करना न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप हो सकता है। इसलिए इस मामले पर विस्तृत सुनवाई के लिए अभी नोटिस जारी किया जाता है, इसपर तीन हफ्ते के अंदर कोर्ट में जवाब दाखिल किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी। गौरतलब है कि सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे जिसपर कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने दोनों को पद से हटा दिया था और एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया था। इसपर केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

 

Read the Latest India news hindi on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले India news पत्रिका डॉट कॉम पर.

ट्रेंडिंग वीडियो