सात मार्च को होगी अगली सुनवाई
आपको बता दें कि जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत इस सवाल पर विचार करेगी कि क्या कोई वकील या अन्य व्यक्ति किसी विचाराधीन मामलों को लेकर अदालत की आलोचना करने के लिए स्वतंत्र है या नहीं। यदि है तो क्या इससे जनमत प्रभावित हो सकता है। कोर्ट ने आगे कहा कि अदालत की आलोचना करना न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप हो सकता है। इसलिए इस मामले पर विस्तृत सुनवाई के लिए अभी नोटिस जारी किया जाता है, इसपर तीन हफ्ते के अंदर कोर्ट में जवाब दाखिल किया जाए। इस मामले की अगली सुनवाई सात मार्च को होगी। गौरतलब है कि सीबीआई के दो बड़े अधिकारियों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे जिसपर कार्रवाई करते हुए केंद्र सरकार ने दोनों को पद से हटा दिया था और एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया था। इसपर केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
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