गर्भवती को क्यों नहीं मिली एंबुलेंस, स्वास्थ्य अधिकारियों ने दिया बेतुका जवाब
अधिकारियों ने कहा एंबुलेंस में मरम्मत का काम चल रहा था जिसकी वजह से सेवा नहीं मिल पाई

नई दिल्ली। सरकार भले ही देश में स्वास्थ्य सेवाओं में विकास के दावे करती हो, लेकिन कभी-कभी समाज में ऐसे मामले देखने को मिल जाते हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते हैं। हालिया मामला केरल का है, जहां एक गर्भवती महिला को चादर में लपेटकर अस्पताल ले जाया गया।
केरल के अट्टापडी गांव में एक जनजातीय गर्भवती महिला को एंबुलेंस उपलब्ध न होने की वजह से चादर का स्ट्रेचर बनाकर अस्पताल ले जाया गया। बता दें कि यहां अभी भी सड़कों की उचित व्यवस्था नहीं है। जिसकी वजह से यहां के लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
कैमरे के माध्यम से ऐसे होगी स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी
केरल की नौ महीने की एक गर्भवती को भी यहां की मुसीबतों का तब सामना करना पड़ा जब उस महिला की डिलीवरी का समय आया। महिला को अस्पताल ले जाने के लिए वहां के लोगों ने चादर का सहारा लिया और महिला को अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना की एक फोटो सोशल पर काफी वायरल हो रही है। जिसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह से लोग महिला को अस्पताल ले जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में एक नदी भी पार करनी पड़ती है, उसके बाद ही सेवाहन योग्य सड़क शुरू होती है। लोग महिला को नदी पार तक चादर में ही ले गए, उसके बाद वो एंबुलेंस का इंतजार करने लगे।
भारत की स्वास्थ्य राजधानी बन रहा है चेन्नई : विजय भास्कर
#Kerala: A pregnant tribal woman carried to hospital by her family members in Palghat's Attappadi, due to unavailability of an ambulance. pic.twitter.com/NSrdzSC7QV
— ANI (@ANI) June 7, 2018
बहुत देर इंतजार करने पर भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो लोग पैदल ही रास्ता नापने लगे। काफी देर बाद आखिरकार लोगों ने एक निजी वाहन का प्रबंध किया और महिला को अस्पताल पहुंचाया।
ताज्जुब की बात तो तब हो गई जब घटना के बारे में अधिकारियों से पूछा और उन्होंने ये कहकर अपना पल्ला झाड़ दिया कि एंबुलेंस में मरम्मत का काम चल रहा था जिसकी वजह से सेवा नहीं मिल पाई। खबरों के अनुसार महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है।
बता दें कि अट्टापडी गांव की ये जनजातीय बस्ती राज्य की सबसे बड़ी बस्ती है। बावजूद इसके यहां पर स्वास्थ्य और परिवहन जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
गौरतलब है कि इस तरह के कई मामले देश में देखने को मिलते हैं। जिनसे देश के विकास की सच्चाई सामने आती है।
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