सर्वोच्च सम्मान पाने वाले तीसरे वायुसैनिक निराला शांतिकाल में वीरता का सर्वोच्च सम्मान पाने के बाद वायुसेना के तीन सदस्यों में शामिल हो गए हैं। निराला के पहले फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखोन को 1971 के युद्ध में अद्भुत साहस दिखाने के लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया था। सक्वॉड्रन लीडर राकेश शर्मा को भी 1984 में अशोक चक्र दिया गया था।
ग्राउंड आपरेशन के लिए सम्मान पाने वाले पहले वायु सैनिक
निराला जिस वक्त देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए, उनकी उम्र सिर्फ 31 साल थी। बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले निराला वायु सेना के पहले एयरमैन हैं, जिन्हें ग्राउंड ऑपरेशन के लिए मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा। इंडियन एयरफोर्स के किसी जवान को ग्राउंड ऑपरेशन के लिए दिया जाने वाला यह पहला अशोक चक्र सम्मान होगा, जो उन्हें मरणोपरांत दिया जाएगा। निराला के परिवार में बेटी और उनकी विधवा हैं। इसके साथ ही उनकी 3 अविवाहित बहनें और मां-बाप भी परिवार में हैं।
निराला जिस वक्त देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए, उनकी उम्र सिर्फ 31 साल थी। बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले निराला वायु सेना के पहले एयरमैन हैं, जिन्हें ग्राउंड ऑपरेशन के लिए मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा। इंडियन एयरफोर्स के किसी जवान को ग्राउंड ऑपरेशन के लिए दिया जाने वाला यह पहला अशोक चक्र सम्मान होगा, जो उन्हें मरणोपरांत दिया जाएगा। निराला के परिवार में बेटी और उनकी विधवा हैं। इसके साथ ही उनकी 3 अविवाहित बहनें और मां-बाप भी परिवार में हैं।
तलाशी के दौरान हुई मुठभेड़
सुरक्षा बलों को कश्मीर के हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में आतंकियों के होने की खुफिया सूचना मिली थी। सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने वहां घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। आतंकियों से मुकाबला करते हुए ज्योति प्रकाश निराला अपनी मशीनगन से आतंकियों पर कहर बनकर टूट पड़े। उन्होंने मौके पर तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि इस गोलीबारी में निराला को भी गोलियां लगीं और वो शहीद हो गए।
सुरक्षा बलों को कश्मीर के हाजिन इलाके के चंदरगीर गांव में आतंकियों के होने की खुफिया सूचना मिली थी। सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने वहां घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई। आतंकियों से मुकाबला करते हुए ज्योति प्रकाश निराला अपनी मशीनगन से आतंकियों पर कहर बनकर टूट पड़े। उन्होंने मौके पर तीन आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि इस गोलीबारी में निराला को भी गोलियां लगीं और वो शहीद हो गए।
किसे दिया जाता है सर्वोच्च सम्मान
आपको बता दूं कि अशोक चक्र शांतिकाल के समय दिया जाने वाला सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है।
आपको बता दूं कि अशोक चक्र शांतिकाल के समय दिया जाने वाला सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। यह सम्मान सैनिकों और असैनिकों को असाधारण वीरता, शूरता या बलिदान के लिए दिया जाता है।