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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन, कहा- गरीबी के अभिशाप को जल्द दूर करना होगा

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे लोकतंत्र का निर्माण करने वाली पीढ़ी ने जिस भावना के साथ काम किया था, आज फिर उसी भावना की जरूरत है

Jan 25, 2018 / 07:52 pm

Kapil Tiwari

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नई दिल्ली: 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। अपने संबोधन में महामहिम राष्ट्रपति ने कई अहम मुद्दों पर बात की। उन्होंने अपने संबोधन में गरीबी मुक्त भारत पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने कहा कि गरीबी के अभिशाप को इस देश से जल्द ही मिटाना होगा। इसके अलावा अपने संबोधन में उन्होंने शहीदों को भी नमन किया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन की बड़ी बातें

– अपने संबोधन में रामनाथ कोविंद ने देश को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए गरीबी के अभिशाप को जल्दी से जल्दी मिटाने और समाज में भेदभाव को दूर करने पर अधिक जोर दिया।
– राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में संपन्न लोगों से वंचितों के हक में सब्सिडी जैसी सुविधाओं को त्यागने का आह्वान किया है।

– राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों के बीच बराबरी, समाज में भाईचारे को मजबूत करने तथा विभिन्न संस्थाओं को सिद्धांतों तथा मूल्यों के आधार पर चलाने पर जोर दिया।
-हमारी सशस्त्र सेनाओं तथा पुलिस और अर्धसैनिक बलों के बहादुर जवानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप साधन एवं उपकरण मिलते रहें, इसके लिए, हमें अपने सामरिक निर्माण क्षेत्र को निरंतर आधुनिक और मजबूत बनाए रखना होगा।
– उन्होंने सभी के लिए उत्तम शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, लड़कियों को हर क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध कराने तथा अंधविश्वास एवं असमानता को दूर करने के लिए हरसंभव उपायों को अपनाने पर जोर दिया।
– रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश की आजादी और गणतंत्र के निर्माण में लाखों स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान हमेशा स्मरण रहेगा। उन्होंने कहा कि उन सेनानियों ने जिस तरह से देश को संवारने और समाज की विसंगतियों को दूर करने के लिए प्रयास किया था, आज भी ऐसे ही प्रयासों की जरूरत है।
– उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमने बहुत कुछ हासिल किया है, परंतु अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। हमारे लोकतंत्र का निर्माण करने वाली पीढ़ी ने जिस भावना के साथ काम किया था, आज फिर उसी भावना के साथ काम करने की जरूरत है।
– रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना सभी का सपना है। एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए सभी को प्रयास करने हैं और ऐसा भारत बनाना है जो अपनी योग्यता के अनुरूप 21वीं सदी में विकास की नयी ऊंचाइयों पर खड़ा होगा और जहां हर नागरिक अपनी क्षमता का भरपूर उपयोग कर सकेगा।

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