नई दिल्ली। अकसर यह सवाल पूछा जाता है कि अंडा पहले आया या मुर्गी। इसके वैज्ञानिक जवाब को लेकर बहस जारी है मगर अब महंगाई के लिहाज से अंडा और मुर्गी दोनों बराबर हो गए हैं। अंडे की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है। एक अंडे की खुदरा कीमत लगभग 7 रुपए हो गई है, जिसके बाद लोग अब अंडे की जगह चिकन खाना ही बेहतर समझ रहे हैं।
एक खबर के अनुसर महाराष्ट्र के पुणे में पॉलट्री किसान 585 रुपए प्रति सैकड़ा के दाम पर अंडों का सौदा कर रहे हैं। खुदरा में ग्राहकों को एक अंडा 6.5-7.5 रुपए का पड़ रहा है। करीब 55 ग्राम वजन वाला अंडा इस हिसाब से 120-135 रुपए प्रति किलोग्राम का हो गया है, जो पुणे में 130-150 रुपए प्रति किलो बेचे जा रहे स्किन चिकन के दाम से बहुत कम नहीं है।
पुणे में पिछले 6 महीने में प्रति 100 फॉर्म अंडे की कीमत 375 रुपए से बढ़कर 585 रुपए पहुंच गई है। जबकि इस दौरान जिंदा ब्रॉयलर चिकन के दाम 90 से घटकर 60 रुपए प्रति किलो से भी कम रह गई है। बड़े अंडा कारोबारियों का कहना है कि, ‘सर्दियों में डिमांड बढ़ने पर आम तौर पर अंडे की कीमतें बढ़ जाती हैं, जबकि सप्लाई बढ़ने से ब्रॉयलर के दाम कम हो जाते हैं। इस समय चिकन जल्दी बढ़ता है। लेकिन अंडे के दामों में आई ऐसी तेजी हमने पहले कभी नहीं देखी है।’
हाल के दिनों में सब्जियों का महंगा होना भी मुख्य रूप से वजह बताया जा रहा है। खुदरा में प्याज और टमाटर 40 से 50 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं। तो वहीं गोभी, फूलगोभी और बैंगन के लिए लोगों को 60 से लेकर 100 रुपए तक चुकाना पड़ रहा है। ऐसा कहा जा सकता है कि जब सब्जियां बहुत महंगी हो जाती हैं, तो लोग अंडे पर जाते हैं, जिससे इसके दाम बढ़ जाते हैं। यह एक सरल गणित है। अगर देखा जाए तो इसका यह भी कारण हो सकता है कि ‘मार्केट से 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को अचानक बाहर कर देने से पिछले साल की तुलना में अंडे और ब्राइलर चिकन कम मात्रा में स्टॉक किए गए जिससे दाम बढ़ गए।’