नई गाइडलाइन के अनुसार प्राइवेट स्कूल किसी अन्य प्रखार के फंड जैसे बिल्डिंग फंड, रख रखाव फंड, प्रवेश शुल्क, कंप्यूटर शुल्क जैसे हिडन चार्जेस नहीं ले सकेंगे। अगर ऐसा करते हुए किसी स्कूल की सूचना मिलती है तो शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
शिक्षा विभाग के निर्देशों के अनुसार प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से महज ट्यूशन फीस ले सकते हैं। इससे टीचर्स को वेतन देने में आसानी होगी। साथ ही दूसरी व्यवस्थाएं भी दुरुस्त रहेंगी। मगर स्कूल इसके अलावा कॉपी-किताबों, लाइब्रेरी, स्पोर्ट्स या अन्य एक्टिविटी के नाम पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकता है।
न्यू एडमिशन और नए सत्र के शुरू होने के बाद स्कूलों में यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकें, अभ्यास पुस्तकें, प्रैक्टिकल फाइल आदि के नाम पर काफी मोटी रकम वसूली जाती है। मगर कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए निर्देश दिए गए हैं कि इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा।
कोरोना संक्रमण का खतरा बच्चों में ज्यादा है। इसलिए स्कूल-कॉलेज बंद हैं। चूंकि बच्चे स्कूल जा ही नहीं रहे हैं इसलिए विद्यालय ट्रांसपोर्टेशन फीस नहीं वसूल सकते हैं। अगर किसी स्कूल ने निर्देशों की अवहेलना की तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।