एमजे अकबर मानहानि मामला: प्रिया रमानी पर आरोप तय
- पूर्व पत्रकार प्रिया रमानी का आरोप, एमजे अकबर ने किया यौन उत्पीड़न
- अकबर को सोशल मीडिया पर 'मीटू' अभियान के तहत ट्रोल किया गया
- 17 अक्तूबर को एमजे अकबर ने केंद्रीय मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था

पूर्व केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ बुधवार को मानहानि का आरोप तय कर दिया। रमानी ने पूर्व मंत्री पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में अकबर ने पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मामले की सुनवाई 4 मई को होोगी
पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल के समक्ष पेश हुई रमानी ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वह सुनवाई का सामना करेंगी। अदालत मामले की सुनवाई चार मई को करेगी। रमानी को व्यक्तिगत उपस्थिति से स्थायी छूट भी मंजूर कर ली गई है।
अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था
बता दें कि ‘मीटू' अभियान में नाम आने के बाद पिछले साल 17 अक्तूबर को एमजे अकबर ने केंद्रीय मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। अकबर ने इस मामले में खुद को बेकसूर बताते हुए रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। दरअसल ‘मीटू' अभियान में सोशल मीडिया पर अकबर को काफी ट्रोल किया गया था।
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क्या था मामला
पत्रकार प्रिया रमानी ने आरोप लगाया था कि 20 साल पहले जब एमजे अकबर पत्रकार थे, तब उन्होंने रमानी का यौन शोषण किया था। अकबर ने इस आरोप का खंडन किया था। लेकिन अकबर पर कई अन्य महिलाओं ने भी आरोप लगाए और अकबर का नाम ‘मीटू' अभियान में सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा। इसके बाद नाइजीरिया यात्रा से वापस आकर अकबर ने 17 अक्तूबर को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया।
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