scriptप्रियंका गांधी ने कथित जामिया वीडियो को लेकर सरकार पर निशाना साधा | Priyanka Gandhi targets government on alleged Jamia video | Patrika News

प्रियंका गांधी ने कथित जामिया वीडियो को लेकर सरकार पर निशाना साधा

locationनई दिल्लीPublished: Feb 16, 2020 06:01:09 pm

Submitted by:

Shivani Singh

प्रियंका ने गृहमंत्री पर लगाया झूठ बोलने का आरोप
जामिया प्रशासन ने वीडियो पर टिप्पणी से किया इनकार
मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के पास

priyanka_gandhi_jamia.jpg
जामिया में 15 दिसंबर को घटी घटना के बारे में एक कथित वीडियो ऑनलाइन लीक कर दिया गया है, जिसमें एक पुस्तकालय के अंदर वर्दीधारी पुलिसकर्मी छात्रों को पीटते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो पर न सिर्फ सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, बल्कि राजनेताओं ने भी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी है। वीडियो को कई लोगों ने साझा किया है, जिसमें प्रदर्शनकारी छात्रों और शिक्षकों की जामिया समन्वय समिति भी शामिल है।
अलका लांबा का केजरीवाल पर हमला, कहा-आज ‘आप’ का, कल हमारा होगा

छात्रों के साथ क्रूरता

जामिया मिलिया इस्लामिया के ट्विटर हैंडल पर कहा गया है कि- “इसे देखें और महसूस करें कि जेएमआई के छात्रों ने दिल्ली पुलिस के हाथों किस तरह के आघात और क्रूरता का सामना किया है… छात्रों के साथ बिना किसी गलती के क्रूरता से पेश आया गया।”
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी वीडियो ट्वीट किया और लिखा कि- “देखिए कैसे दिल्ली पुलिस छात्रों को अंधाधुंध पीट रही है। एक लड़का किताब दिखा रहा है, लेकिन पुलिस वाला लाठियां चलाए जा रहा है।”
दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने झूठ बोला

प्रियंका ने कहा कि- “गृहमंत्री और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने झूठ बोला कि उन्होंने लाइब्रेरी में घुसकर किसी को नहीं पीटा। इस वीडियो को देखने के बाद जामिया में हुई हिंसा को लेकर अगर किसी पर एक्शन नहीं लिया जाता तो सरकर की नीयत पूरी तरह से देश के सामने आ जाएगी।”
वाराणसी में PM मोदी ने दीनदयाल हस्तकला संकुल का किया निरीक्षण, देखें तस्वीरें

वीडियो में वर्दीधारी पुलिसकर्मियों को लाइब्रेरी में प्रवेश करते हुए देखा जाता है, जिस बारे में छात्रों का कहना है कि एमए, एम.फिल सेक्शन का पुराना रीडिंग हॉल है, और वे बैठकर पढ़ रहे छात्रों की पिटाई करते नजर आ रहे हैं।
जामिया प्रशासन का टिप्पणी से इनकार

जामिया प्रशासन ने वीडियो पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि मामला अदालत में है, जबकि दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त प्रवीर रंजन ने भी इसकी सत्यता पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है और मामले की जांच की जा रही है। नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के कुछ ही दिन बाद, पिछले साल 15 दिसंबर को, छात्रों और स्थानीय लोगों की ओर से एक सीएए विरोधी रैली निकालने के दौरान काफी हिंसा हुई थी। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि भीड़ ने बसों को जला दिया था, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया था।
केजरीवाल के ये 5 करीबी जो कभी खड़े थे साथ, लेकिन शपथ ग्रहण से रहे गायब

मामला अदालत में

मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के पास रहा है। विश्वविद्यालय ने बेरहमी से पिटाई के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया था। जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन ने भी महानगर दंडाधिकारी की अदालत में मामला दायर किया था, जिसने 16 मार्च तक दिल्ली पुलिस को उठाए गए कदम के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो