गर्भाशय का कैंसर होने के दावे की खबर के बाद भारत में भी एडमिनिस्ट्रेशन सक्रिय, FDA ने लिए जांच के सैंपल
नई दिल्ली। अमरीका की जानी-मानी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर से वहां की एक महिला को ऑवेरियन कैंसर यानि गर्भाशय का कैंसर होने के दावे की खबर के बाद भारत में भी एडमिनिस्ट्रेशन सक्रिय हो गया है। जानकारी के मुताबिक अब भारत में भी इस प्रोडक्ट की जांच शुरू हो गई है। हालांकि कंपनी कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है और अपने प्रोडक्ट को पूरी तरह से सेफ होने की दलील दे रही है लेकिन बावजूद इसके किसी भी आशंका को ध्यान में रखते हुए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
अमरीकी कोर्ट के फैसले से असहमत कंपनी-
जॉनसन एण्ड जॉनसन के भारतीय प्रवक्ता के मुताबिक, कंपनी अमरीकी कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि कि हमारे प्रोडक्ट पूरी तरह सेफ और स्टेंडर्ड के मुताबिक बनाए जा रहे हैं। हमारे लिए कस्टमर की सेफ्टी को पहली प्राइऑरिटी है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रोडक्ट्स को पूरी रिसर्च के बाद बनाया गया है। इनका इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में हो रहा है।
भारत में सतर्कता बरतते हुए जांच शुरू-
वहीं ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसकी जांच शुरू कर दी है और भारतीय मानक ब्यूरो को तीन हफ्ते में कंपनी के प्रोडक्ट्स के की रिपोर्ट देने को कहा है। इसी तरह महाराष्ट्र फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने कंपनी के प्रोडक्ट की जांच के लिए सैंपल लिए हैं।
तकरीबन 50 पाउडर बाजार पर जॉनसन्स का कब्जा-
अमरीका के मिसौरी में कोर्ट द्वारा कंपनी पर लगाए 7.2 करोड़ डॉलर जुर्माने के आदेश के बाद अब बहस छिड़ गई है। मालूम हो कि भारत के पाउडर बाजार के करीब 50 फीसदी से अधिक मार्केट पर जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी का कब्जा है।
क्या है विवाद की जड़?
महाराष्ट्र एफडीए ने 2007 में बेबी टेल्कम पाउडर में एथेलीन ऑक्साइड के चलते प्रोडक्शन पर रोक लगा दी थी। इस केमिकल के बारे में माना जाता है कि इससे कैंसर होता है। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऑर्डर रद्द कर दिया था।