दरअसल, सीआरपीएफ ने सूझबूझ का परिचय देते हुए शहीद जवानों के शवों की पहचान उनके आधार कार्ड, आईडी कार्ड और कुछ अन्य सामानों के जरिए ही हो पाई। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि भीषण विस्फोट की वजह से जवानों से शव बुरी तरह से क्षत-विक्षत हो गए थे। इसलिए उनकी शिनाख्त करना मुश्किल काम था। इन शहीदों की पहचान आधार कार्ड, उनके आईडी कार्ड, पैन कार्ड और उनकी जेबों या बैगों में रखे छुट्टी के आवेदनों से की जा सकी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कुछ शवों की शिनाख्त कलाइयों में बंधी घड़ियों और उनके पर्स से हुई है। ये सामान उनके सहयोगी ने पहचाने थे।
आपको बता दें कि जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए वीर जवानों की लिस्ट में 44 जवानों का नाम है। सीआरपीएफ के काफिले में 78 गाड़ियां थीं और करीब 2500 जवान शामिल थे। फिदायीन विस्फोट में ये जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद से देश भर के लोगों में आक्रोश है।