दरअसल मामला स्कूल में फीस जमा करने का था। बताया जा रहा है कि स्कूल की फीस समय पर जमा नहीं करने पर इन छोटी बच्चियों को स्कूल के बेसमेंट में कैद कर दिया गया था।
दोपहर में जब बच्चियों के मां-बाप उन्हें लेने स्कूल पहुंचे तो मामले का पता चला। बच्चियों को स्कूल में भूखा-प्यासा कैद करके रखा गया था। गर्मी और भूख-प्यास से उनका हाल बेहाल था। मामले का पता चलते ही बच्चियों के परिजन गुस्से में आ गए और जमकर हंगामा किया। मसले का पता चलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले की जांच में लग गई। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने बच्चियों को बंधक बनाने और जेजे एक्ट की धारा 75 के तहत मामला दर्ज कर लिया।
इस मामले के सामने आने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर स्कूल प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने लिखा है कि स्कूल की इस हरकत से मैं खुद हैरान हूं।
पुलिस ने बताया कि बल्लीमारान की गली कासिम जान में राबिया गर्ल्स पब्लिक स्कूल स्थित है। यह स्कूल नर्सरी से 12वीं कक्षा तक का है। सुबह स्कूल खुलने के समय सभी अभिभावकों ने अपने बच्चों को यहां छोड़ा। दोपहर स्कूल खत्म होने पर जब परिजन बच्चों को लेने स्कूल पहुंचे तो पता चला कि 59 बच्चियां यहां मौजूद नहीं थी।
आनन-फानन में परिजनों ने स्कूल के कर्मचारियों से पूछताछ की। काफी मशक्कत के बाद पता चला कि फीस नहीं चुकाने के कारण स्कूल की हैड मिस्टर्स फरह दीबा खान ने इन 59 बच्चियों को स्कूल के बेसमेंट में बंद करके रखा हुआ है।
परिजन जब बेसमेंट में पहुंचे तो देखा कि सभी बच्चियों को यहां एक अंधेरे कमरे में रखा गया है। जहां पर एक भी पंखा नहीं था। वहीं छोटी बच्चियों का भूख-प्यास से बुरा हाल था।
परिजनों को देखकर बच्चियां फूट-फूटकर रोने लगी और अपने मां-बाप से लिपट गईं। परिजनों ने जब मामले पर स्कूल प्रशासन से बात करनी चाही तो उन्हें भी धक्का मारकर बाहर निकाल दिया गया। वहीं दूसरी तरफ स्कूल प्रशासन का कहना है कि वह तहखाना या बंदीगृह नहीं है, बल्कि वो एक्टिविटी रूम है। वहां पर पंखे और लाइट की भी उचित व्यवस्था है। बच्चियों को वहां क्यों रखा गया? इस सवाल पर अभी भी स्कूल चुप्पी साधे है। कुछ परिजनो का कहना है कि उन्होंने फीस जमा की हुई है फिर भी उनकी बच्चियों को कैद किया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।