रविन्द्र नाथ टौगोर के नाम अनोखा रिकॉर्ड रविन्द्र नाथ टैगोर ( Rabindranath Tagore ) कहानीकार, गीतकार, संगीतकार के अलावा निबंधकार, नाटककार और चित्रकार भी थे। टैगोर देश के इकलौते कवि ( Poet ) हैं, जिन्होंने तीन देशों को राष्ट्रगान दिए। इनमें भारत का ‘जन गन मन’, बांग्लादेश ( Bangladesh ) का ‘आमान सोनार बंग्ला’ और श्रीलंका ( Sri Lanka ) का ‘श्रीलंका माता’ शामिल हैं। टैगोर का जन्म सात मई, 1868 कोलकाता में हुआ था। उनके पिता एक समाज-सुधारक थे। लंदन ( London ) में उन्होंने कानून की पढ़ाई की, लेकिन उन्होंन डिग्री नहीं ली। टैगोर बचपन से ही कवि और लेखक प्रवृति के थे। तभी तो मजह आठ साल की उम्र में उन्होंने पहली कविता लिख दी थी। वहीं, 16 साल की उम्र में उनकी पहली लघुकथा प्रकाशित हुई थी। 1913 में गीतांजलि ( Geetanjali ) के लिए उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया था। उनकी यह रचना काफी लोकप्रिय हुई थी।
टैगोर ने तीन देशों को दिया राष्ट्रगान टैगोर ने वैसे तो कई रचनाए लिखीं, लेकिन जब बांग्ला में उन्होंने ‘जन गन मन’ लिखा तो वह काफी पॉपुलर हुआ था। जो आगे चलकर भारत (India National Anthem) का राष्ट्रगान बन गया। वहीं, ‘आमान सोनार बंग्ला’ गुरुदेव ने ही लिखी थी, जो बाद में बांग्लादेश का राष्ट्रगान बना। इसकी रचना उन्होंने 1905 में किया था। वहीं, टैगोर ने जब शांति निकेतन में विश्व भारती ( Vishwa Bharti ), यूनिवर्सिटी की स्थापना की तो श्रीलंका के आनंद समरकून यहां पढ़ने आए थे। छह महीने बाद वह अपने देश लौट गए। यहां से लौटने के बाद उन्होंने ‘श्रीलंका माता’ की रचना की। यही रचना बाद में श्रीलंका का राष्ट्रगान बना। बताया जाता है कि आनंद समरकून ( Ananda Samarakoon ) ने 1940 में ‘नमो नमो माता’ की रचना की थी। यह काफी हद तक रविन्द्र नाथ टैगोर से प्रभावित थी। कुछ जानकारों का कहना है कि टैगोर ने इसका संगीत तैयार किया था। जबकि, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि टैगोर की यह रचना थी। 1951 में यह गीत श्रीलंका का आधिकारिक राष्ट्रगान बन गया। वहीं, इस पर जब विवाद शुरू हुआ तो 1961 में नमो नमो मात की जगह ‘श्रीलंका माता’ कर दिया गया।