scriptरफाल सौदा मामला: यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका | Rafale Case: Yashwant sinha, Arun shourie filed review petition in SC | Patrika News

रफाल सौदा मामला: यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की पुनर्विचार याचिका

locationनई दिल्लीPublished: Jan 02, 2019 02:16:53 pm

Submitted by:

Saif Ur Rehman

पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट से रफाल मामले पर अपने फैसले की समीक्षा का अनुरोध किया है।

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Supreme Court

नई दिल्ली। रफाल विमान सौदे को लेकर विपक्ष जहां मोदी सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पर केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर लगातार घेर रहे हैं। अब एक बार फिर से पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने रफाल मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। पूर्व मंत्रियों ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट से रफाल मामले पर अपने फैसले की समीक्षा का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ताओं ने पुनर्विचार अर्जी के लिए खुली अदालत में मौखिक सुनवाई करने का अनुरोध किया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि रफाल मामले पर फैसला केंद्र की ओर से बिना हस्ताक्षर के अदालत को दिए गए नोट में किए गए स्पष्ट तौर पर गलत दावों पर आधारित है। आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 14 दिसंबर को अपने फैसले में साफ कहा था कि रफाल विमान सौदा में उसे कोई अनियमितता नजर नहीं आई है। साथ ही विमान को देश की आवश्यकता बताते हुए सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
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बता दें कि बुधवार को रफाल मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा होनी है। विपक्ष रफाल मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग पर अड़ा हुआ है। रफाल डील को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ पिछले कई महीनों से मोर्चा खोल रखा है। इस लिहाज से यह पुनर्विचार याचिका खासा महत्त्व रखती है। विपक्ष ने आरोप लगाया गया है कि यह सौदा एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया और सौदे में तय प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है।
गौरतलब है कि मंगलवार को एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रफाल मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा था कि यह आरोप सरकार पर हैं, मेरे ऊपर कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए गए है। संसद में मैंने विस्तार से इसका जवाब दिया। सुप्रीम कोर्ट तक मसला क्लियर हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सभी चीजें सामने निकालकर रख दी है। दूध का दूध और पानी का पानी हो चुका है।
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