रेल मंडल में सीएमएस द्वारा भर्ती
रेल मंडलों अपने कर्मचारियों को रेलवे के क्रू मैनजमेंट सिस्टम (सीएमएस) के जरिए भर्ती करते हैं। यह 89,000 कर्मी सदस्यों का डेटाबेस है, जो उनकी स्थिति तथा रेल संचालनों के लिए उनकी उपलब्धता संबंधी जानकारी देता है।
रेल मंडलों अपने कर्मचारियों को रेलवे के क्रू मैनजमेंट सिस्टम (सीएमएस) के जरिए भर्ती करते हैं। यह 89,000 कर्मी सदस्यों का डेटाबेस है, जो उनकी स्थिति तथा रेल संचालनों के लिए उनकी उपलब्धता संबंधी जानकारी देता है।
मात्र 75 फीसदी कर्मचारियों की नियमानुसार भर्ती
रेलवे बोर्ड ने अपने निर्देश में कहा है कि रेल मंडलों द्वारा औसतन 75 फीसदी कर्मचारी नियमानुसार भर्ती किए जाते हैं लेकिन यह आंकड़ा संतोषजनक नहीं है। पत्र में बोर्ड ने इस बात पर चिंता जताई कि रेल चालक, सहायक चालक और गार्ड, जो रेल संचालन के मूल संचालन दल के सदस्य होते हैं, उनकी भर्ती मंडल नियमानुसार नहीं करते।
रेलवे बोर्ड ने अपने निर्देश में कहा है कि रेल मंडलों द्वारा औसतन 75 फीसदी कर्मचारी नियमानुसार भर्ती किए जाते हैं लेकिन यह आंकड़ा संतोषजनक नहीं है। पत्र में बोर्ड ने इस बात पर चिंता जताई कि रेल चालक, सहायक चालक और गार्ड, जो रेल संचालन के मूल संचालन दल के सदस्य होते हैं, उनकी भर्ती मंडल नियमानुसार नहीं करते।
भर्ती के लिए सीएमएस में दो तरीके
सीएमएस में भर्ती के लिए दो विकल्प हैं, जिनमे से एक है ‘फेच एस पर रूल’ यानी नियमों के अनुसार भर्ती, इस विकल्प के बाद हर तरह के परीक्षण के बाद ही भर्ती सुनिश्चित होती है, वहीँ दूसरे विक्लप ‘फेच आल’ में सिर्फ दो आसान शर्तें पूरी करनी होती हैं।
सीएमएस में भर्ती के लिए दो विकल्प हैं, जिनमे से एक है ‘फेच एस पर रूल’ यानी नियमों के अनुसार भर्ती, इस विकल्प के बाद हर तरह के परीक्षण के बाद ही भर्ती सुनिश्चित होती है, वहीँ दूसरे विक्लप ‘फेच आल’ में सिर्फ दो आसान शर्तें पूरी करनी होती हैं।
नियमानुसार भर्तीयों की संख्या बढ़ी लेकिन संतोषजनक नहीं
बोर्ड को ऐसा लगता है की यह यात्रियों के सुरक्षा का सवाल है, इसलिए भर्ती होने वाले सभी कर्मचारियों को हर मामले में फिट होना चाहिए। इसके लिए उन्हें सीएमएस के पहले विकल्प को ही चुन कर आवेदन देना चाहिए। हालांकि बोर्ड ने बताया कि पिछले वर्षों कि मुकाबले ‘फेच एस पर रूल’ द्वारा भर्ती होने वालो की संख्या बढ़ी है फिर भी यह अभी संतोषजनक नहीं है।
बोर्ड को ऐसा लगता है की यह यात्रियों के सुरक्षा का सवाल है, इसलिए भर्ती होने वाले सभी कर्मचारियों को हर मामले में फिट होना चाहिए। इसके लिए उन्हें सीएमएस के पहले विकल्प को ही चुन कर आवेदन देना चाहिए। हालांकि बोर्ड ने बताया कि पिछले वर्षों कि मुकाबले ‘फेच एस पर रूल’ द्वारा भर्ती होने वालो की संख्या बढ़ी है फिर भी यह अभी संतोषजनक नहीं है।