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रेल मंत्री ने कहा कि जब से मोदी सरकार बनी है तब से पांच सालों में काफी नौकरियां दी गई हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि आंकड़ों का संकलन करने वाले स्रोत इसे पकड़ने में असमर्थ रहे हैं। वहीं, कार्यक्रम में मौजूद मानव संसाधन और विकास मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि ऐसे लाखों लोग हैं जो अपनी पसंद के कारण नौकरी नहीं करना चाहते हैं, उन्हें बेरोजगार नहीं कहा जा सकता।
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वहीं, पीयूष गोयल ने बताया कि रेलवे में कुछ पदों के लिए 1.5 करोड़ लोगों के आवेदन आए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आंकड़ों का इस्तेमाल देश में बेरोजगारी के दर को दिखाने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि इसे बेरोजगारी की दर से नहीं बल्कि लोगों को चैन से जीने की भावना से जोड़ कर देखना चाहिए। गोयल ने कहा कि भारत में पारंपरिक रूप से लोगों में सरकारी नौकरियों के प्रति ज्यादा आकर्षण है। लोग सोचते हैं कि अगर उन्हें सरकारी नौकरी मिल जाए तो उन्हें पूरी जिंदगी चैन से कटेगी।’