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Indian Railways : बेंगलुरू और दिल्ली के बीच 19 सितंबर से चलेगी किसान रेल, ट्रेन में होंगे 12 एलएचबी के डिब्बे

Published: Sep 16, 2020 03:25:40 pm

Submitted by:

Soma Roy

Kisan Rail : लगातार मिल रहे अच्छे रिस्पांस के चलते नई रूटों पर भी चलने वाली हैं किसान रेल
सबसे पहले किसान रेल महाराष्ट्र से बिहार के बीच चलाई गई थी, तब से इसमें लगातार लोडिंग में बढ़ोत्तरी हो रही है

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Kisan Rail

नई दिल्ली। किसानों को माल ढुलाई में राहत देने एवं उनकी कमाई को दोगुना करने के मकसद से भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने लॉकडाउन में किसान रेल (Kisan Rail) नाम से एक नई ट्रेन की शुरुआत की थी। इसके जरिए फल, सब्जियों समेत दूसरी खाने-पीने की चीजों को लाने और ले जाने में मदद मिलती है। इसकी कामयाबी को देखते हुए रेलवे 19 सितंबर से बेंगलुरु और दिल्ली के बीच ‘किसान रेल’ (Kisan Rail) सेवा शुरू करने जा रहा है। ये सर्विस 19 अक्टूबर तक चलेगी। इस सिलसिले में दक्षिण-पश्चिम रेलवे (South Western Railway) ने सूचना भी जारी की है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण पश्चिम रेलवे का कहना है कि यह ट्रेन मैसुरू, हुबली और पुणे के रास्ते चलेगी। किसान रेल निर्धारित स्थानों के बीच चलेगी और इनका स्टॉपेज वहां होगा जहां सामानों को उतारने और चढ़ाने की अनुमति होगी। ट्रेन में 10 हाई कैपेसिटी वाले पार्सल वैन, एक ब्रेक कम जेनरेटर कार और एक सेकेंड क्लास लगेज कम ब्रेक वैन होगा। उसमें 12 एलएचबी के डिब्बे होंगे। इसके जरिए किसान अनाज, फल-सब्जी, मीट, मछली आदि को समय से सुरक्षित तरीके से देश के कोने-कोने तक पहुंचा सकेंगे। इससे उनकी मेहनत का फल उन्हें ज्यादा मिलेगा।
मालूम हो कि पहली किसान ट्रेन 7 अगस्त को महाराष्ट्र से बिहार के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन को चलाने का फैसला केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2020-21 के बजट में लिया गया था। किसान रेल को चलाने का मुख्य मकसद खाने-पीने के सामान की बिना किसी रुकावट के सप्लाई करना और किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करना है। किसान रेल को चलाए जाने के बाद से ही इसे काफी अच्छा रिस्पांस मिला है। इसकी पॉपुलैरिटी को देख रेलवे ने इसे हफ्ते में तीन दिन चलाने का फैसला लिया है। पहले ये साप्ताहिक चलती थी। रेलवे के मुताबिक तब से अब तक इसकी लोडिंग लगभग 4 गुना बढ़ गई है। किसान रेल को 7 अगस्त से चलाया गया था। उस वक्त लोडिंग 90.92 टन की थी। 14 अगस्त तक लोडिंग 99.91 टन और 21 तक 235.44 टन हो गई। इसके बाद इसे सप्ताह में दो बार किया गया, लेकिन 1 सितंबर को 354.29 टन लोडिंग हुई।
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