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बड़ा फैसला: Railway बनाएगा 4000 किमी का फ्रंट कॉरिडोर, औद्योगिक विकास के लिए 3 रूटों को जोड़ने की तैयारी

Indian Railways Plan For DFC : देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के औद्योगिक क्षेत्रों को दक्षिण भारत से जोड़ा जाएगा ये रेलवे के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक है, प्रस्ताव के मुताबिक इसमें करीब 81 हजार करोड़ रुपए के लागत की संभावना है

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Soma Roy

Aug 18, 2020

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Indian Railways Plan For DFC

नई दिल्ली। देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों के औद्योगिक क्षेत्रों (Industrial Areas) को दक्षिण भारत से जोड़ने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने अहम फैसला लिया है। इसके तहत अब देश में करीब 4,000 किलोमीटर का डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर (DFC) बनया जाएगा। ये रेलवे के बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक होगा। इसमें देश के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को दक्षिण भारत के साथ ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के प्रमुख बंदरगाहों के जरिए जोड़ा जाएगा।

रेलवे के प्रस्ताव के मुताबिक DFC तीन रूटों पर बनेंगे। इनमें खड़गपुर से विजयवाड़ा, भुसावल नागपुर खड़गपुर दानकुनी से राजखर्सवान कालीपहाड़ी अंडाल और तीसरा विजयवाड़ा नागपुर इटारसी मार्ग शामिल होगा। जिसमें पश्चिम बंगाल से आंध्र प्रदेश को जोड़ने के लिए 1115 किलोमीटर का पूर्वी तटीय कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसे अलावा कोलकाता के पास के मार्ग को जोड़ने वाला 1,673 किलोमीटर का पूर्व पश्चिम कॉरिडोर और तीसरा 975 किलोमीटर का नॉर्थ साउथ सब कॉरिडोर होगा।

जल्द होगा सर्वे का काम शुरू
डेडिकेटेड फ्रंट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि़मिटेड (डीएफसीसीआईएल) की ओर से जल्द इन कॉरिडोर पर काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले अलग-अलग हिस्सों में सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। जिससे वहां की बुनियादी जरूरतों को बारीकी से समझा जा सके। इस प्रक्रिया को एक साल में पूरा करने की कोशिश की जाएगी।

माल की ढुलाई होगी तेज
औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए रेलवे ओड़िशा के पारादीप, धामरा, गोपालपुर बंदरगाहों तथा आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, गंगावरम, काकीनाडा, कृष्णापत्तनम और मछलीपत्तनम बंदरगाहों के पास कॉरिडोर बनाएगा। जिससे देश के किसी भी कोने से यहा आसानी से आ—जा सके। इससे माल की ढुलाई भी तेज होगी। साथ ही रेलवे नेटवर्क की क्षमता बढ़ जाएगी। इस प्रोजेक्ट में करीब 81 हजार करोड़ रुपए के लागत की संभावना है।


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