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हिन्दी एक सुंदर भाषा है लेकिन इसका राष्ट्रीय भाषा होना सही नहीं: राज ठाकरे

locationनई दिल्लीPublished: Dec 02, 2018 08:41:36 pm

Submitted by:

Anil Kumar

राज ठाकरे ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा कि हिन्दी एक सुंदर भाषा है लेकिन इसका राष्ट्रीय भाषा होना सही नहीं है।

हिन्दी एक सुंदर भाषा है लेकिन इसका राष्ट्रीय भाषा होना सही नहीं: राज ठाकरे

हिन्दी एक सुंदर भाषा है लेकिन इसका राष्ट्रीय भाषा होना सही नहीं: राज ठाकरे

मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक बार फिर से हिन्दी भाषा को लेकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है। उन्होंने रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा कि हिन्दी एक सुंदर भाषा है लेकिन इसका राष्ट्रीय भाषा होना सही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के संबंध में कोई निर्णय कभी नहीं लिया गया है। ठाकरे ने कहा कि जिस तरह से हिन्दी एक भाषा है उसी तरह से मराठी, गुजराती, तमिल आदि भाषाएं इसी देश की प्रमुख भाषाएं हैं।
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देश के युवाओं को अपने ही राज्य में मिलना चाहिए रोजगार

बता दें कि कार्यक्रम में बोलते हुए राज ठाकरे ने देश में बढ़ती बेरोजगारी के संबंध में बोलते हुए कहा कि सरकार को रोजगार के अवसर बनाने चाहिए। यदि महाराष्ट्र में रोजगार के मौके हैं तो सबसे पहले महाराष्ट्र के युवाओं को ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए, इसमें गलत क्या है? ठाकरे ने कहा कि मान लिजिए यदि कल को उत्तर प्रदेश में कोई उद्योग लगता है तो वहां पर पहली प्राथमिकता वहां के युवाओं को मिलना चाहिए। यही शर्त बिहार व अन्य राज्यों में भी लागू होना चाहिए, इसमें गलत क्या है?

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राज ठाकरे ने 21 पंडों से लिया आशीर्वाद

आपको बता दें कि रविवार को ही इससे पहले एक कार्यक्रम में बोलते हुए ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को लुभाने का प्रयास किया। उन्होंने उत्तर भारतीय पंडों से आशीर्वाद मांगा है। बता दें कि राज ठाकरे ने कांदीवली में एक समारोह में वाराणसी से बुलाए गए 21 पंडों (पुजारियों) से आशीर्वाद लिया। बता दें कि राज ठाकरे हमेशा से उत्तर भारतीयों को लेकर महाराष्ट्र में लड़ाई लड़ते रहे हैं। ठाकरे की पूरी राजनीति उत्तर भारतीयों के विरोध पर ही टिकी है लेकिन अब चुनाव को करीब आता देख एक नई चाल चली है और महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारतीयों के वोट को अपने पाले में करने के लिए 21 पंडों (पुजारियों) से आशीर्वाद लिया है।

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