scriptराम मंदिर: SC में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन का बड़ा आरोप, हिंदुओं ने विवादित जगह पर चोरी से रखी मूर्तियां | Rajiv Dhawan Big allegation in SC Hindu put stole statue dispute place | Patrika News

राम मंदिर: SC में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन का बड़ा आरोप, हिंदुओं ने विवादित जगह पर चोरी से रखी मूर्तियां

locationनई दिल्लीPublished: Sep 03, 2019 03:04:08 pm

Submitted by:

Dhirendra

अयोध्‍या विवाद पर मुस्लिम पक्ष ने लगाया बड़ा आरोप
निर्मोही अखाड़ा ने गलत तरीके से जमीन पर कब्‍जा किया
अब मांग रहे हैं विवादित जमीन का मालिकाना हक

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नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई जारी है। आज मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने हिंदू पक्ष पर बड़ा आरोप लगाया है। मुस्लिम पक्षकारों ने कहा है कि हिंदुओं ने विवादित जगह पर भगवान राम की मूर्तियां चोरी-चुपके से रखी थीं।
बता दें कि आज सुनवाई का 18वां दिन है। फिलहाल मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें रख रहा है।
सुप्रीम कोर्ट में सुन्‍नी वक्‍फ बोर्ड की ओर से पक्ष रखते हुए वकील राजीव धवन ने कहा कि देश के आजाद होने की तारीख और संविधान की स्थापना के बाद किसी धार्मिक स्थल का परिवर्तन नहीं किया जा सकता। राजीव धवन ने कहा महज स्वयंभू होने के आधार पर यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि अमुक स्थान किसी का है।
सुप्रीम कोर्ट से मैं चाहूंगा कि वह इस मामले के तथ्यों के आधार पर फैसला दे। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं ने मूर्ति चोरी से रखी गई थीं।

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विवाद पर विराम लगना चाहिए

मुस्लिम पक्षकारों के वकील अयोध्या विवाद पर विराम लगना चाहिए। अब राम के नाम पर फिर कोई रथयात्रा नहीं निकलनी चाहिए। उनका इशारा भाजपा द्वारा 1990 में निकाली गई रथयात्रा की ओर था जिसके बाद बाबरी विध्वंस हुआ था।
उन्‍होंने शीर्ष अदालत से कहा कि विवादित जमीन के ढांचे के मेहराब के अंदर के शिलालेख पर ‘अल्लाह’ शब्द मिला। धवन साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि विवादित जगह पर मंदिर नहीं बल्कि मस्जिद थी। राजीव धवन ने कहा कि बाबरी मस्जिद में भगवान रामलला की मूर्ति स्थापित करना छल से हमला करना है।
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मुस्लिम पक्ष के पास कब्‍जे का अधिकार नहीं

धवन ने हिन्दू पक्ष की दलील का हवाला देते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष के पास विवादित जमीन के कब्जे के अधिकार नहीं है क्योंकि 1934 में निर्मोही अखाड़ा ने गलत तरीके से अवैध कब्जा कर लिया था। धवन के मुताबिक इसके बाद नमाज अदा नहीं की गई।
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अब मांग रहे हैं जमीन का मालिकाना हक

बता दें कि अयोध्‍या विवाद पर सुनवाई के 17वें दिन मुस्लिम पक्षों ने मस्जिद पर हमले का जिक्र किया था। वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता धवन ने आरोप लगाया था कि हिन्दुओं ने 1934 में बाबरी मस्जिद पर हमला किया था। फिर 1949 में अवैध घुसपैठ की और 1992 में बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया। अब कह रहे हैं कि संबंधित जमीन पर उनके अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए।
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