scriptराजनाथ सिंह ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के 9300 पद किए खत्म, मनोहर पर्रिकर ने की थी शुरूआत | Rajnath Singh approved to finish more than 9300 posts of Military Engineering Service | Patrika News

राजनाथ सिंह ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस के 9300 पद किए खत्म, मनोहर पर्रिकर ने की थी शुरूआत

locationनई दिल्लीPublished: May 07, 2020 04:04:30 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

Highlight
– लेफ्टिनेंट जनरल डीबी की सिफारिश पर रक्षा मंत्रालय ( Defence of Ministry ) ने ये फैसला किया है
– दिवंगत रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ( Manohar Parrikar ) ने मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस ( Military Engineering Services ) की शुरूआत की थी

9300 post end in MES

9300 post end in MES

नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ( Ministry of Defence ) ने सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath singh ) ने MES में 9,304 पदों की समाप्त करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। इस बारे में मंत्रायल ने बुधवार को जानकारी दी। आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल डीबी ने यह सिफारिश की थी, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय ने यह फैसला लिया।

रक्षा मंत्रालय ने जारी किया बयान

इस संबंध में बयान जारी करते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा ने कहा, ‘मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस ( military engineer services ) के इंजीनियर-इन-चीफ के प्रस्ताव के आधार पर समिति ने सिफारिश दी। जिसके अनुसार मूल और औद्योगिक कर्मचारियों के कुल 13,157 खाली पोस्ट में से MES के 9304 पदों की समाप्त करने की मंजूरी दी जा रही है।’ आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल शेखटकर की समिति ने यह प्रस्ताव आर्म्ड फोर्सेज की युद्ध क्षमता और असंतुलित रक्षा खर्च को कंट्रोल करने के उपाय के तौर पर सुझाया था।

पैनल ने की हैं ये अन्य सिफारिशें

रक्षा मंत्रालय के बयान में आगे कहा, ‘पैनल ने अन्य सिफारिश भी किए हैं। इसमें सिविलियन वर्कफोर्स का पुनर्गठन भी शामिल है। इससे आंशिक तौर पर MES का काम विभागीय कर्मचारियों से कराया जा सकेगा। साथ ही अन्य कामों में भी इनको आउटसोर्स किया जा सकेगा।

फैसला के पीछे ये है उद्देश्य

मंत्रालय ने इस फैसले पर कहा कि इसे MES को एक प्रभावी कार्यबल के साथ एक प्रभावी संगठन बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। MES ऐसा संगठन बने जहां कुशल और लागत प्रभावी तरीके से काम करते हुए आनेवाले समय में जटिल मुद्दे संभाल सके।

पूर्व रक्षा मंत्री स्व. मनोहर पर्रिकर ने बनाई थी यह समिति

गौरतलब है कि यह 11 सदस्यीय समिति 2016 में दिवंगत रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर द्वारा गठित की गई थी। समिति ने रक्षा बजट को एक चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ की आवश्यकता के लिए अनुकूलन करने के लिए 99 सिफारिशें की थीं। ये सिफारिशें, अगर अगले पांच वर्षों में लागू की जाती हैं, तो रक्षा खर्च में कम से कम 25,000 करोड़ तक की बचत हो सकती है। बता दें कि इनमें से, सेना से संबंधित 65 सिफारिशों के पहले बैच को अगस्त 2017 में मंजूरी दी गई थी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो