पूरी दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा कर रही, निवेशकों के लिए यह सबसे अच्छी जगह-राजनाथ सिंह
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और यह बताता है कि पूरी दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था पर विश्वास करती है।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक स्थान बन बनता जा रहा है और इसकी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) मुद्रास्फीति दर से काफी आगे निकल गई है। हालांकि उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से हुई बारिक समस्याएं की बात को स्वीकार किया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने में कुछ तकनीकी समस्याएं थीं, लेकिन अब मामले सुलझा लिए गए हैं और लोग दोनों पहुलों के फायदे के प्रति जागरूक हैं।उन्होंने कहा, "भारत की जीडीपी चार वर्ष पहले इसकी मुद्रास्फीति दर की आधी थी। लेकिन पिछले चार वर्षों में इसमें लगातार तेजी आई है। जीडीपी दर अब मौजूदा मुद्रास्फीति दर से काफी आगे निकल गया है। गत चार वर्षों में ऐसा कोई भी क्षण नहीं आया कि जीडीपी वृद्धि मुद्रास्फीति दर से कम हो।" उन्होंने कहा, "अब आप एक बड़ा अंतर देख सकते हैं।"उन्होंने कहा, "भारत अब दुनिया के निवेशकों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक स्थल बन गया है। चार वर्ष पहले एक समय था जब भारत में केवल दो मोबाइल कंपनियां थीं। अब इन फैक्ट्रियों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है।"
4 साल में सरकार ने लगाई छलांग
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और इसने 142वें स्थान से आगे निकलकर 100वें स्थान में छलांग लगाई है। यह बताता है कि पूरी दुनिया भारत की अर्थव्यवस्था पर विश्वास करती है।" उन्होंने कहा कि चार वर्षों में, हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान जबरदस्त वित्तीय समावेशन हुआ, क्योंकि इस दौरान झोपड़ियों में रहने वाले लोग भी बैंक खाते खुलवाने की वजह से अर्थव्यवस्था का हिस्सा बने। पूरी दुनिया में खुले कुल बैंक खातों का 55 प्रतिशत केवल भारत में है।"
व्यापारियों से एकजुट रहने की अपील
सरकार के डिजिटलीकरण योजनाओं के फायदे के बारे में बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि 365,000 करोड़ रुपये की 431 सरकारी योजनाओं की सब्सिडी को डिजिटल भुगतान के सीधे भुगतान नीति के तहत लाभुकों के बैंक खातों में भेजा गया, ताकि दलाल कुछ गलत न कर सकें। इस अवसर पर, मंत्री ने देश के 6.5 करोड़ खुदरा व्यापारियों से किसानों के साथ एकजुट रहने के लिए कहा, ताकि कोई भी राजनीतिक पार्टी उन्हें नजरअंदाज न कर सके।
मनमोहन सिंह पर साधा निशाना
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए राजनाथ सिह ने कहा कि आर्थिक वृद्धि यथार्थवाद पर निर्भर होना चाहिए न कि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री पर। राजनाथ ने कहा, "भारत में आर्थिक संभावना की कोई कमी नहीं है। इस संभावना को हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था। हमारे मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसपर ध्यान दिया है और इस दिशा में आगे बढ़ने का बेहतरीन प्रयास किया जा रहा है। न ही अटलजी अर्थशास्त्री थे और ना ही मोदीजी अर्थशास्त्री हैं। इसकी जरूरत नहीं है कि कोई अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री ही देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। यथार्थवादी होने की जरूरत है।"राजनाथ सिंह ने कहा, "मेरे विचार में, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अगर प्रधानमंत्री और सरकार में बैठे लोग अर्थशास्त्री नहीं हैं, उन्हें यथार्थवादी होना चाहिए। देश तभी आगे बढ़ेगा जब वे यथार्थवादी होंगे।"
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