अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए डाटा तैयार
असम में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एनसीआर तैयार किया जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य में बाढ़ की स्थिति के कारण दो जुलाई को इसके प्रकाशन की अंतिम तिथि 30 जून से एक महीने के लिए बढ़ा दी थी। सरकार और राज्य के समन्वयक ने एनसीआर मसौदे के प्रकाशन के लिए 30 जुलाई की अंतिम तिथि का अनुपालन करने की सहमति जताई है। गृहमंत्री ने कहा, “मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि एनसीआर की कवायद पूरी निष्पक्षता, सतर्कता और पारदर्शी तरीके से हो रही है और यह कार्य इसी प्रकार जारी रहेगा। हर चरण में सभी संबद्ध लोगों को अपनी बात कहने का पर्याप्त अवसर दिया जाएगा।” इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है। सभी को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का पूरा मौका मिलेगा।
1 करोड़ लोग हैं वैध
गौरतलब है कि असम में रहने वाले लोगों की नागरिकता की सत्यता की जांच हाल ही में शुरू की गई है। यह प्रक्रिया काफी वक्त से अधर में लटकी थी । अब इसकी पहली लिस्ट सामने आ गई। नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स यानि एनआरसी ने वैध भारतीय नागरिकों का जो पहला ड्राफ्ट जारी किया उसमें अब तक सिर्फ 1.9 करोड़ लोगों को वैध भारतीय नागरिक माना गया। बड़ी संख्या में बांग्लादेश घुसपैठी यहां रह रहे हैं।