उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधीन आने वाला दिल्ली जल बोर्ड के पेयजल की शुद्धता वाले दावे को करार दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 11 जगहों से लिए गए पानी के नमूने की जांच बीएसआई के लैब में किए जाने पर कुछ जगहों का पानी 42 मानकों में से 12, 13 व 14 मानकों पर विफल पाए गए हैं। हम चाहते हैं कि पेयजल की शुद्धता के मामले में हमारा मानक अंतर्राष्ट्रीय मानक के समान हो, जो अभी नहीं है।
गरीबों को भी मिले शुद्ध पानी राम विलास पासवान ने कहा कि बीआईएस की जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक दिल्ली ज बोर्ड का पानी सही नहीं है। यह केंद्र सरकार का मामला नहीं है, बल्कि जल बोर्ड का मामला है। दिल्ली सरकार राजधानीवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। हमारा कहना है कि गरीब लोग जो पानी पीते हैं वह शुद्ध होना चाहिए।
केजरीवाल पर फोड़ा ठीकरा मीडिया से बातचीत में राम विलास पासवान ने बताया कि जलबोर्ड के अधिकारियों ने 100 नमूने की जांच करवाई गई जिसमें पानी शुद्ध पाया गया। हमने कहा कि उन्हीं नमूनों में से 25 नमूने दे दीजिए। हम उनकी जांच बीआईएस के माध्यम से करवा लेंगे।
बीएसआई की जांच में दिल्ली में 11 जगहों से लिए गए पानी के नमूने में पीएच-लेवल, घुले हुए ठोस कण और गंध व अन्य घटकों की जांच की गई जिनके मानकों के आधार पर ये नमूने किसी न किसी स्तर पर विफल पाए गए।
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि पीएम मोदी ने 2024 तक देश में हर घर में नल लगाने और स्वच्छ व शुद्ध पानी मुहैया करवाने का लक्ष्य रखा है। इसी के मद्देजनर देश के सभी राज्यों की राजधानी समेत 100 स्मार्ट सिटी की योजना के अंतर्गत आने वाले शहरों में पीने के पानी की शुद्धता की जांच की जा रही है। उन्होंने शुद्ध पानी मुहैया करवाना अनिवार्य बनाने पर बल दिया।