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कर्नाटक में मिले इस दुर्लभ खून से म्यांमार में बचाई गई महिला की जान, 10-17 हजार लोगों में से एक में पाया जाता है ये ब्लड

Published: Dec 09, 2018 08:39:12 pm

Submitted by:

Shivani Singh

इस ब्लड ग्रुप की यूनिट्स को हाल ही के एक ब्लड डोनेशन कैंप के दौरान इकट्ठा किया गया था।

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कर्नाटक में मिले इस दुर्लभ खून से म्यांमार में बचाई गई महिला की जान, 10-17 हजार लोगों में से एक में पाया जाता है ये ब्लड

नई दिल्ली। कोई खून के लिए जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा हो, लाख कोशिशों के बाद भी उसके ग्रुप का ब्लड कहीं ना मिले। पूरे देश के ब्लड बैंक छनने क बाद भी घरवालोंं को निराशा हाथ लगे। लेकिन उसी बीच मीलो दूर दूसरे देश से मदद का हाथ आगे आए उसकी जिंदगी बच जाए। ये सोचने में कोई कल्पना जैसा ही लगता है। लेकिन ऐसा ही कुछ हुआ म्यांमार की इस महिला के साथ। उसे इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं होगा की उसकी मदद के लिए कहीं दूर दूसरे देश सें खून आएगा और उसकी जांन बच जाएगी।

दरअसल,म्यांमार में दिल की सर्जरी के लिए एक 34 वर्षीय महिला के लिए खून की जरूरत थी। उसके ब्लड ग्रुप का ब्लड मिलना काफी दुर्लभ था। म्यांमार में महिला के ग्रुप का ब्लड काफी खोजा गया लेकिन निराश ही हाथ लगी। फिर मीलों दूर भारत की तरफ से मदद का हाथ आए आया। बेंगलुरु के देवनगरे ब्लड बैंक ने दुर्लभ बॉम्बे ब्लड ग्रुप खून की दो यूनिट कूरियर के जरिए म्यांमार भेजीं। बता दें कि ब्लड के लिए रिक्टवेस्ट यंगून जनरल हॉस्पिटल से आई थी। ब्लड बैंक ने इसे गंभीरता से लेते हुए उनकी जरूरत पूरी कर दी। खास बात यह रही की खून को लाने के लिए डोनर, मरीज या मरीज के परिजनों में से किसी को कहीं जाने की जरूरत भी नहीं पड़ा। ब्लड बैंक ने उसे 2-3 दिन में म्यांमार की यंगून हॉस्पिटल पहुंचा दिया।

कैसे हुआ ये सब

आपको बता दें कि बेंगलुरु की संकल्प इंडिया फाउंडेशन बॉम्बे ब्लड ग्रुप की एक एक्सक्लूसिव रजिस्ट्री चलाता है। यह फाउंडेशन दुर्लभ ब्लड ग्रुप की यूनिट्स का इंतजाम करता है और जरूरतमंदों को पहुंचाता है। इसी के जरिए म्यांमार के एक डॉक्टर ने खून मंगवाया। म्यांमार के डॉक्टर ने फाउंडेशन से खून के लिए संपर्क किया था। फाउंडेशन के संयोजक रजत अग्रवाल ने ने बताया कि हमारी टीम बॉम्बे ब्लड ग्रुप के डोनर्स के बारे में जानकारी इकट्ठा करती है। वहीं, जब खूने के लिए देश-विदेश से रिक्वेस्ट आती हैं तो हम उसे पूरा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि म्यांमार में इस ब्लड ग्रुप के अभी तक किसी डोनर के होने की जानकारी नहीं है। इसलिए यहीं से खून भेजने का ऑप्शन बचा था।’ देवनगरे स्थित एसएस इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ ऐंड रिसर्च इंस्टिट्यूट के ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉक्टर कविता ने मुताबिक, इस ब्लड ग्रुप की यूनिट्स को हाल ही के एक ब्लड डोनेशन कैंप के दौरान इकट्ठा किया गया था। उन्होंने बताया कि डोनर्स को खुद नहीं पता था कि उनका ब्लड ग्रुप इस कदर दुर्लभ है।

बॉम्बे ब्लड ग्रुप क्या होता है?

बता दें कि बॉम्बे ब्लड ग्रुप एक प्रकार का ब्लड ग्रुप ही है। लेकिन इसका मिलना बहुत दुर्लभ है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनियाभर के 0.0004 फीसदी लोगों में ही यह पाया जाता है। इसे O पॉजिटिव कैटिगरी का ब्लड भी कह कहते हैं। वहीं, भारत में 10-17 हजार लोगों में से एक व्यक्ति में ये खून पाया जाता है। इस ब्लड ग्रुप के लोगों को खून की कमी होने पर इसी ग्रुप का ब्लड चढ़ाया जा सकता है। अन्य ब्लड ग्रुप जैसे A, B, AB और O में H एंटीजन पाया जाता है, मगर यह बॉम्बे ब्लड ग्रुप में नहीं होता है।

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