दरअसल भारतीय सेना राजस्थान के पोखरण रेंज में हॉवित्जर तोप का परीक्षण कर रही थी। इस दौरान 2 सिंतबर को तोप में विस्फोट हुआ और उसकी बौरल खराब हो गई। सूत्रों के मुताबिक शुरूआती जांच में खराब गोला-बारूद को इस विस्फोट की वजह बताई जा रही है।
वहीं दूसरी ओर मामले में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के प्रवक्ता उद्दीपन मुखर्जी ने कहा कि ऐसी किसी भी प्रकार की खामी आतंरिक बैलेस्टिक से जुड़ी जटिल घटना के कारण हो सकती है, क्योंकि नली के अंदर गोला बहुत तेजी से घूमता है। उन्होंने कहा कि ये नहीं कहा जा सकता है कि गोले की गुणवत्ता की वजह से विस्फोट हुआ। इसके पीछे और भी वजह हो सकती है, जिसकी जांच जारी है।
चीन सीमा पर किया जा सकता है तैनात
पोखरण में हो रहे होवित्जर तोपों के परीक्षण का मकसद इनकी क्षमता को परकना है। सैन्य सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन तोपों को चीन से लगती सीमा पर तैनात करने की योजना बनाई जा रही है। एक सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि होवित्जर तोप का परीक्षण सितंबर तक जारी रहेगा।
पोखरण में हो रहे होवित्जर तोपों के परीक्षण का मकसद इनकी क्षमता को परकना है। सैन्य सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन तोपों को चीन से लगती सीमा पर तैनात करने की योजना बनाई जा रही है। एक सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि होवित्जर तोप का परीक्षण सितंबर तक जारी रहेगा।
परीक्षण का मुख्य उद्देश्य तोप की रफ्तार, लक्ष्य भेदने की क्षमता आदि का निरीक्षण करना है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक पाकिस्तान और चीन सीमा पर ये तोपें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। बोर्फोस की तुलना में होवित्जर तोपों का वजन काफी हल्का है। जहां बोर्फोस का वजन 11 हजार किलोग्राम होता था तो वहीं होवित्जर का वजन सिर्फ 4 टन है।
होवित्जर तोप को किसी भी ऊंचाई वाले क्षेत्र में हेलीकॉप्टर और विमान की मदद से ले जाया जा सकता है। इस तोप की रेंज 25 से 40 किलोमीटर तक है। भारत और अमरीका के बीच 145 तोप खरीदने का समझौता हुआ है। महिंद्रा डिफेंस 145 में से 120 तोपों को देश में ही असेंबल करेगी।