Coronavirus महामारी के इलाज में इस्तेमाल हो सकती है लाल चींटियों की चटनी
उड़ीसा हाईकोर्ट ने आय़ुष मंत्रालय को पता लगाने का दिया आदेश
मंत्रालय को तीन महीने में लेना होगा फैसला
कोरोना को मात देगी लाल चींटियों की चटनी!
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus in india ) के बढ़ते खतरे के बीच हर किसी की नजर कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) पर टिकी हुई है। इस बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। जल्द ही कोविड को मात देने के लिए लाल चींटी की चटनी ( Red Aunt Chutney ) का इस्तेमाल हो सकता है। चौंक गए ना, लेकिन ये सही है।
दरअसल ओडिशा और छत्तीसगढ़ के जनजातीय इलाकों में खाई जाने वाली लाल चीटियों की चटनी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। आयुष मंत्रालय इस चटनी के इस्तेमाल को कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी भी दे सकता है।
तीन महीने का वक्त आगामी तीन महीने में आपको कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लाल चींटियों की चटनी दवाई के तौर पर मिल सकती है। इसके लिए हाल में उड़ीसा हाईकोर्ट ने आय़ुष मंत्रालय को आदेश दिया है कि वे इस बात का पता लगाएं कि लाल चींटियों की चटनी कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार है।
इसके लिए कोर्ट ने मंत्रलाय को तीन महीने का वक्त दिया है। 90 दिनों में आयुष मंत्रालय को इससे संबंध में फैसला लेना होगा। इन बीमारियों के इलाज में होता है इस्तेमाल खास बात है कि देश के कई राज्यों में जनजातियां लाल चींटियों का इस्तेमाल बुखार, सर्दी-जुखाम, सांस लेने में परेशानी, थकान और दूसरी बीमारियों के इलाज में करती हैं।
इस वजह से कोर्ट ने दिया आदेश उड़ीसा हाईकोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। इस याचिका में लाल चटनी के प्रभाव को लेकर कई कार्रवाई नहीं किए जाने पर कोर्ट से दखल देने की मांग की गई थी।
यह याचिका बारीपाड़ा के इंजीनियर नयाधार पाढ़ियाल ने दायर की थी। पाढ़ियाल ने जून 2020 में भी कोविड से लड़ने के लिए चटनी के इस्तेमाल की बात कही थी थी। उनके मुताबिक जनजातिय इलाकों में कोविड के कम असर की बड़ी वजह भी लाल चींटियों की चटनी का सेवन ही है।
इस वजह से कारगर है चटनी याचिकाकर्ता पढियाल की मानें तो चटनी में फॉर्मिक एसिड, प्रोटीन, केल्शियम, विटामिन B12, जिंक और आयरन होता है। दरअसल ये सभी चीजें इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं। यही वजह है कि ये चटनी वायरस से लड़ने में कारगर है।
उड़ीसा हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए आयुष मंत्रालय और काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च के महानिदेशकों को जल्द फैसला लेने के लिए कहा है।