खास बात यह है कि गीता मेहता ने बकायदा प्रेस स्टेटमेंट भी जारी किया। इस स्टेटमेंट में उन्होंने लिखा कि “मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं कि भारत सरकार ने मुझे पद्म श्री जैसे सम्मान के लायक समझा, लेकिन अफसोस के साथ मुझे इसे लेने से इनकार करना पड़ रहा है। देश में आम चुनाव नजदीक हैं और ऐसे वक्त पर अवॉर्ड लेने से समाज में गलत संदेश जाएगा, जो मेरे और सरकार दोनों के लिए शर्मिंदगी की बात होगी। इसका मुझे हमेशा अफसोस रहेगा”
उधर…गीता मेहता के भाई और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक प्रदेशवासियों को पद्मश्री मिलने की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि ये प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि उनके यहां के साहित्यकार को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा गया है।
आपको बता दें कि गीता मेहता को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान देने का निर्णय लिया गया था। गीता मेहता ने पिछले चालीस बरस साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है, उन्होंने कई किताबें लिखीं। बताते चलें अपने नाम की घोषणा के वक्त गीता मेहता अमरीका में हैं। न्यूयॉर्क से ही उन्होंने इस पुरस्कार को लेने से इनकार किया है। गृह मंत्रालय ने उन्हें ‘फॉरेनर’ कैटिगरी में अवॉर्ड दिया है, जबकि सूत्रों के मुताबिक वह भारतीय नागरिक हैं और भारतीय पासपोर्ट रखती हैं।