पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में महिलाओं ने किया है ये काम, दुनिया भर में हो रही… इंडियन नेशनल आर्मी के इन पूर्व जवानों की उम्र 90 से 100 साल के बीच की है और सभी दिल्ली के आसपास रहते हैं। शनिवार को राजपथ पर यह चारों भूतपूर्व सैनिक एक खुली जीप में वर्दी पहने बैठे थे। इनके पीछे सशस्त्र सेनाओं की कई टुकड़ियां थीं।
आजाद हिंद फौज के इन चारों ‘जवानों’ में से सबसे बुजुर्ग सैनिक की उम्र 100 वर्ष है और इनका नाम भागमल है। नेता जी की सेना से जुड़ने के बाद भागमल ने 1942 में युद्ध लड़ा था और फिलहाल वह मानेसर, हरियाणा में रहते हैं। जबकि अन्य तीन सैनिकों का नाम पंचकूला से आए लालती राम (98), हरियाणा स्थित नारनौल के हीरा सिंह (97) और चंडीगढ़ के परमानंद यादव (99) शामिल रहे। यह चारों सैनिक द्वितीय विश्व युद्ध में शामिल हुए थे।
आतंकमुक्त हो गया देश का यह हिस्सा, सेना ने ढेर किए सभी आतंकी इस संबंध में परेड के डिप्टी कमांडर मेजर जनरल राजपाल पूनिया ने मीडिया को बताया कि आजाद हिंद फौज के बाकी जीवित सैनिकों को फिलहाल ढूंढ़ना काफी मुश्किल था, इसलिए नेता जी की फौज के चार सैनिक ही परेड में शामिल हो सके। उन्होंने आगे कहा कि आईएनए के सैनिकों के ब्रिटिश हिंद फौज से भी संबंध थे, इसलिए हमारी विरासत से वे जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि 1942 में राष्ट्रवादी राश बिहारी बोस ने आजाद हिंद फौज की स्थापना स्वतंत्र भारत के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए की थी। बाद में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस फौज को संभाला और युद्ध के बंदियों को निकालकर देश में तमाम स्थानों पर ब्रिटिश सेनाओं के खिलाफ लड़ने के लिए इकट्ठा किया।