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कश्मीर में अलगाववादियों का प्रदर्शन रोकने के लिए आज प्रतिबंध, भारी संख्या में CRPF तैनात

Published: Feb 11, 2018 11:22:44 am

Submitted by:

Mohit sharma

बट को 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। वह कुपवाड़ा के त्रेहगाम गांव का रहने वाला था।

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नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के संस्थापक मकबूल बट की 34वीं की पुण्यतिथि के मौके पर रविवार को अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए प्रशासन ने श्रीनगर और कश्मीर घाटी के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगा दिया है। बट को 11 फरवरी 1984 को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी। वह कुपवाड़ा के त्रेहगाम गांव का रहने वाला था।

कुपवाड़ा जिले और सोपोर में भी प्रतिबंध

श्रीनगर के अलावा उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले और सोपोर में भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। वरिष्ठ अलगाववादी नेता सईद अली गिलानी, मीरवैज उमर फरूक, मुहम्मद यासीन मलिक को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने के लिए हिरासत में रखा गया है। जिन इलाकों में प्रतिबंध लगाया गया है, वहां किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।

दो आतंकवादी और एक नागरिक मारे गए

वहीं, 24 जनवरी को शोपियां जिले के शैगाम गांव में गोलीबारी के दौरान घायल हुई साइमा वानी (18) ने श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया है। इस गोलीबारी में दो आतंकवादी और एक नागरिक मारे गए थे और साइमा सहित दो लड़कियां घायल हुईं थीं। जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा में अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता द्वारा सैन्य शिविर पर आतंकी हमले को रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ जोड़ने और विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के विधायक द्वारा सदन में पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने के कारण शनिवार को सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई थी। विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने जम्मू शहर में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों पर अपनी टिप्पणी वापस लेते हुए सदन की एकता बनाए रखने का आग्रह किया था। उन्होंने अपनी टिप्पणी वापस ली और नेशनल कांफ्रेंस विधायक मोहम्मद अकबर लोन द्वारा पाकिस्तान समर्थक टिप्पणी को हटाने का आदेश दिया। गुप्ता ने विधानसभा में कहा कि अगर जम्मू में रोहिंग्या शरणार्थी नहीं रह रहे होते तो यह हमला संभवत: होता ही नहीं। अध्यक्ष ने दिन में सुंजवान सैन्य शिविर के मुख्य द्वार का दौरा किया था, जहां पर आतंकी हमला हुआ था।

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