मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। सत्येंद्र जैन ने कैबिनेट में पारित हुए प्रस्तावों की जानकारी देते कहा कि दिल्ली सरकार की इस योजना के तहत 340 प्राइवेट अस्पतालों के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया गया है। अब अगर कहीं भी इन तीनों कैटेगिरी से संबंधित हादसा होता है तो नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में पीड़ित को ले जाया जा सकता है, उस अस्पताल में घायल का कोई पैसा नहीं लगेगा। फिलाहल इस स्कीम को लागू करने के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा। हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
जैन ने बताया कि एक्सीडेंट होने पर ऑटो या टैक्सीवाले पास में प्राइवेट अस्पताल होते हुए भी मरीज को सरकारी अस्पताल लेकर जाते हैं जिसमें समय लग जाता है। अब इस स्कीम के बाद घायलों को गोल्डन आवर में इलाज मिल सकेगा जिससे बचने की संभावना बढ़ जाएगी। स्कीम लागू करने के लिए ऑटो और टैक्सीवालों को ही इसका ब्रैंड ऐम्बैसडर बनाया जाएगा। सरकार उनके लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएगी जिससे वे इस स्कीम को समझकर लोगों की मदद कर सकें।
इसके अलावा सरकार की तरफ से ऐसे केसों में मदद करने वाले लोगों के लिए भी ईनाम की घोषणा की है। हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि एक्सीडेंट विक्टिम स्कीम के साथ ही गुड समैरिटन स्कीम को भी लॉन्च की जाएगी। इसमें घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले शख्स को 2000 रुपये का इनाम दिया जाएगा। गुड समैरिटन स्कीम को उपराज्यपाल की अनुमति पहले ही मिल चुकी है।