PM मोदी ने शरीफ को आमंत्रित कर रिश्तों को नई दिशा देने के संकेत दिए थे लेकिन अब तक सिर्फ गोली और बोली के निशाने ही लग रहे हैं।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को काबुल से नई दिल्ली लौटने से पहले पाकिस्तान के लाहौर शहर पहुंचे। हवाई अड्डे पर उनके समकक्ष नवाज शरीफ ने स्वागत किया। शरीफ का आज जन्मदिन है और उसी के उपलक्ष में पीएम मोदी पाकिस्तान पहुंचे।
पिछले दो सालों में दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के लिए सबसे गंभीर उम्मीद के रूप में माना जा रहा है। गोली, घुसपैठ, तनाव, मुलाकात और तनातनी के डेढ़ साल के बाद सबकी नजरें इस बात पर है कि मोदी की इस यात्रा के बाद क्या वाकई दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा मिलेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ के दौरान नवाज शरीफ को आमंत्रित कर दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देने की ओर कदम उठाने के संकेत दिए थे लेकिन तब से अब तक सिर्फ गोली और बोली के निशाने ही लग रहे हैं। सीमा पर भी शांति नहीं है और दोनों देश एक दूसरे पर युद्धविराम तोडऩे और नागरिकों को मारने का आरोप लगाते हैं।
डेढ़ साल में दो बार मिले मोदी-शरीफ
मोदी ने अपनी शपथ के दौरान नवाज शरीफ को भारत आने का न्योता दिया। शरीफ ने इसे कबूल किया और दोनों नेताओं ने रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने के लिए कदम उठाने पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच गिफ्ट का आदान प्रदान भी हुआ। शरीफ ने पीएम मोदी की मां के लिए साड़ी भेजी तो मोदी ने शरीफ की मां के लिए शॉल भेजा। इस तरह के व्यवहार से सार्थक नतीजा निकलने की उम्मीद बढ़ी लेकिन सीमा पर तनाव ने इन नजदीकियों में दरार डाल दी। नतीजा यह हुआ कि काठमांडू में सार्क सम्मेलन के दौरान दोनों नेता एक दूसरे से नजरे बचाते नजर आए और सम्मेलन के आखिरी दिन ही दोनों के हाथ मिले लेकिन दिलों की दूरियां कम ना हुई। इसके एक साल बाद रूस के उफा में दोनों नेता मिले। पुराने गिले शिकवे दूर किए और हरेक स्तर पर बातचीत के मुद्दों पर सहमति बनी लेकिन पाकिस्तान जाते ही शरीफ पलट गए।
पेरिस में क्लाइमेट चेंज
दोनों देशों के एनएसए की बैठक से पहले पाक ने हुर्रियत नेताओं से बातचीत करने का अड़ंगा लगा दिया तो भारत ने कहा बात उफा में बनी सहमति के हिसाब से ही होगी। मुलाकात के दिन तक दोनों देशों की ओर से एक दूसरे पर पलटी मारने का आरोप लगा और आखिरकार पाक एनएसए सरताज अजीज भारत नहीं आए। इसी बीच यूनाइटेड नेशन में दोनों पड़ोसी देशों के प्रधानमंत्री आमने सामने हुए लेकिन कोई बात नहीं हुई, सिर्फ हाथ उठाकर एक दूसरे का अभिवादन कर कन्नी काट ली। फ्रांस की राजधानी पेरिस में पूरी दुनिया के देश जब बदलती जलवायु पर चर्चा करने को इकट्ठे हुए तो दोनों देशों के रिश्तों की क्लाइमेट भी चेंज हो गई। पीएम मोदी और शरीफ ने अनौपचारिक मुलाकात की और जिस ढंग से मिले लगा गुपचुप किसी बात पर सहमति बनी। नतीजा दिखा और दोनों देशों के एनएसए की गुपचुप बैंकॉक में मीटिंग हो गई। किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई कि दोनों देशों के एनएसए मिलने वाले हैं।
नेता चुप लेकिन बंदूकों की जंग जारी
हालांकि दोनों देशों की सरकार एक दूसरे से बात करने को लेकर जब मौन साधे हुई थी तब भी सीमा पर गोलीबारी, घुसपैठ और युद्धविराम जारी थी। सरकार की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार इस साल पाक ने लगभग 300 बार युद्धविराम तोड़ा और इसमें 57 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। पाक ने भारत को कमजोर करने के लिए आतंकवाद का सहारा फिर भी नहीं छोड़ा। सीमापार से लगभग 70 घुसपैठ की घटनाएं हुई और 40 के लगभग आतंकी मारे गए। उधमपुर और पंजाब के गुरदासपुर में आतंकियों ने कहर बरपाया लेकिन सेना ने उनके मंसूबों को नाकाम कर दिया।
पाक जिंदा आतंकियों के जरिए हुआ बेनकाब
इस साल पाकिस्तान के दो आतंकी जिंदा पकड़े गए। उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हमले के बाद ग्रामीणों ने नावेद नाम के आतंकी को दबोच लिया। इसके एक महीने बाद ही उत्तरी कश्मीर में मुठभेड़ के बाद जावेद अहमद नाम के एक और आतंकी को सेना ने पकड़ लिया। इस तरह से भारत के पास पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के दो जिंदा सबूत हैं।
एक के बदले भारत ने मारे तीन
मोदी सरकार आने के बाद भारत की ओर से युद्धविराम उल्लंघन का कड़ाई से जवाब दिया गया। पाक की ओर से गोलीबारी के जवाब में जब भारतीय जवानों ने बंदूकों के मुंह खोले तो पड़ोसी रिरियाने लगा और भारत के खिलाफ यूएन में शिकायत कर दी। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत ने 200 से ज्यादा बार युद्धविराम तोड़ा। इसमें 39 पाक नागरिक मारे गए जबकि 150 घायल हो गए। वहीं पाक की ओर से होने वाली फायरिंग में 13 भारतीय नागरिकों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि 60 के करीब जख्मी हुए।