राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने परिवारों के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। फैमिली काउंसिलिंग प्रोग्राम के तहत संघ ने क्या खाएं, क्या पहने और अपना जन्मदिन कैसे मनाएं जैसी चीजों के बारे में सुझाव दिए हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बीते अप्रेल में परिवारों के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की। फैमिली काउंसिलिंग प्रोग्राम के तहत संघ ने क्या खाएं, क्या पहने और अपना जन्मदिन कैसे मनाएं जैसी चीजों के बारे में सुझाव दिए हैं। देशभर में चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का मकसद मूल्यों और संस्कृति की रक्षा करना है। परिवारों से मुलाकात के दौरान संघ के स्वयंसेवक लोगों को शाकाहारी बनने और घर की महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को कुर्ता-पायजामा पहनने की सलाह देती है।
2019 के आम चुनाव तक जारी रहेगा कार्यक्रम
लोगों को परिवारिक समय के दौरान क्रिकेट या राजनीति की बातें करने से बचने की भी सलाह दी जा रही है। कुटुंब प्रबोधन (फैमिली काउंसिलिंग) नाम का यह कार्यक्रम 2019 के आम चुनाव तक जारी रहेगा। यह कार्यक्रम उस वक्त शुरू हुआ है, जब गाय के नाम पर व्यापक स्तर पर हिंसा के मामले सामने आए हैं।
विदेशी संस्कृति से बचने के तरीके भी बताएंगे
संघ के इस कार्यक्रम के तहत स्वयंसेवक और राष्ट्र सेविका संघ की महिला स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों से मिलेंगी। उन्हें शाकाहारी बनने के फायदे बताएंगी। परिवारों को यह भी बताया जाएगा कि कैसे वे विदेशी संस्कृति से बचें। खासतौर पर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों से।
जन्मदिन पर मोमबत्ती नहीं जलाने की सलाह
टीम परिवारों को अपना जन्मदिन देसी तरीके से मनाने की सलाह दे रही है। उसका कहना है कि लोग अपने जन्मदिन पर मोमबत्ती न जलाएं और न ही केक काटें। टीम साथ में यह भी कह रही है कि हर व्यक्ति का महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, जाति व्यवस्था से लडऩा चाहिए। ज्ञान हासिल करने के लिए अच्छी किताबें भी पढऩी चाहिए।
कुटुंब प्रबोधन कैंपेन को बीते साल डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती पर शुरू किया था। इस प्रोजेक्ट को जाने-माने उद्योगपति
रतन टाटा ने भी समर्थन किया था। संघ की यह टीम मुस्लिम और ईसाई परिवारों के घरों का भी दौरा करेगी।