संसद से कानून के जरिए हो राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू
मोहन भागवत ने कहा है कि संसद के जरिए मंदिर बनाने की कवायद शुरू की जाए। भागवत ने मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में बाधा डालने वाले कुछ रुढ़िवादी तत्वों की निंदा की। संघ प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को आरएसएस के 93वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि रूढ़िवादी तत्व व ताकतें अपने खुद के लाभ की वजह से सांप्रदायिक राजनीति कर रही हैं।
देश के करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है राम मंदिर से
उन्होंने कहा कि इस तरह के छल के बावजूद भी जमीन के स्वामित्व के संदर्भ में फैसला जल्द से जल्द होना चाहिए और सरकार को ‘भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए रास्ता बनाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आरएसएस भगवान राम के जन्मस्थान पर मंदिर निर्माण के प्रयास में देश के करोड़ों लोगों के भावनाओं के साथ हमेशा जुड़ी रही है। उन्होंने कहा, “भगवान राम राष्ट्र के जीवन ऊर्जा का आदर्श व धर्म को कायम रखने के प्रतीक हैं।”
इसके अलावा उन्होंने इस दौरान सबरीमला विवाद पर भी अपनी राय रखी। भागवत ने कहा कि स्त्री और पुरुष में समानता रखना अच्छी बात है, लेकिन सालों से चली आ रही परंपरा को इस तरह नहीं तोड़ना चाहिए था। उस परंपरा का सम्मान नहीं किया गया है।