बिना मुसलमानों के हिंदू राष्ट्र की कल्पना नहीं- संघ प्रमुख
संघ प्रमुख ने कहा कि हम कहते हैं कि हमारा हिंदू राष्ट्र है तो इसका मतलब मुसलमानों को बाहर निकाल देने से नहीं है। जिस दिन कोई ऐसा कहेगा, उस दिन वो हिंदुत्व ही नहीं रहेगा। इस तरह संघ ने संकेत दिया कि वह अब अधिक समावेशी और सबको साथ लेकर चलने के लिए तैयार हैं। भागवत ने कहा कि सभी मतों के तत्व ज्ञान को हम हिन्दू धर्म कहते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि हिन्दू मत कहो, भारतीय कहो। बात तो एक ही है। हिन्दू शब्द के रहने से भारतीय स्वभाव नहीं बदलेगा।’
संघ ने हिंदुत्व की खोज नहीं की- मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुत्व देश का एक प्राचीन विचार है। इसकी खोज संघ ने नहीं की बल्कि संघ की स्थापना से बहुत पहले से हुई थी। उन्होंने कहा, “जब पूरी दुनिया सुख की खोज बाहर कर रही थी, तब हमने अपने अंदर उसकी खोज की। वहीं से हमारे पूर्वजों को अस्तित्व की एकता का मंत्र मिला। विवेकानंद ने रामकृष्ण परमहंस से पूछा था कि क्या आपने भगवान को देखा है, इस पर परमहंस ने कहा कि रोज देखता हूं और मेरी सुनोगे तो तुम भी देख सकोगे।” संघ प्रमुख ने कहा कि आज बहुत लोग ऐसे हैं जो हिन्दुत्व नहीं सनातन धर्म कहते हैं।
‘सरकार पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है’
इसके अलावा सरकार से संघ के संबंधो पर बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि जब भी उनको (भाजपा सरकार) सलाह चाहिए होती है तो वो पूछते हैं, अगर हम दे सकते हैं तो हम दे देते हैं, लेकिन उनकी राजनीति पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है। भागवत ने कहा कि सरकार की नीतियों पर हमारा कोई प्रभाव नहीं है, वो अपने कार्यक्षेत्र में समर्थ हैं।