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RSS की आर्थिक शाखा एसजेएम ने चीन से MFN का दर्जा वापस लेने की मांग की, पीएम से सख्‍त कदम उठाने की अपील

locationनई दिल्लीPublished: Mar 15, 2019 09:33:11 am

Submitted by:

Dhirendra

एसजेएम ने आतंकवाद पर चीन के रुख को भारत विरोधी माना
मोदी सरकार को चाहिए कि चीन के खिलाफ सख्‍त कदम उठाए
एमएफएन का दर्जा वापस लेकर व्‍यापार असंतुलन को दूर करे केंद्र सरकार

ashwani mahajan

RSS की आर्थिक शाखा एसजेएम ने चीन से MFN का दर्जा वापस लेने की मांग की, पीएम से सख्‍त कदम उठाने की अपील

नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आर्थिक शाखा स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चीन को दिया गया मोस्‍ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा वापस लेने की मांग की है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन ने पी-3 देशों के प्रस्‍ताव को अपने वीटो पावर का इस्‍तेमाल कर जैश ए मोहम्‍मद प्रमुख मसूद अजहर वैश्विक आतंकी होने से बचा लिया। उसके बाद से आरएसएस की आर्थिक शाखा एजेएम चीन के भारत विरोधी रवैये से सख्‍त नाराज है।
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टैरिफ बढ़ाने की जरूरत
एसजेएम के अखिल भारतीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि चीनी आयात को हतोत्साहित करने के लिए हमें और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। एक शोध में खुलासा हुआ है कि चीन से आयातित वस्‍तुओं पर लगाया जाने वाला औसत टैरिफ बहुत कम है। सरकार को चीनी आयातों को हतोत्साहित करने के लिए सभी चीनी आयातों पर टैरिफ को बढ़ाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
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5.27 करोड़ का आयात करता है भारत
स्‍वदेशी जागरण मंच के अश्विनी महाजन ने कहा है कि भारत चीन से 76 अरब डॉलर (5.27 लाख करोड़ रुपए) से ज्‍यादा का आयात करता है। चीन के साथ भारत का व्‍यापार घाटा बहुत ज्‍यादा है। पीएम मोदी को लिखे पत्र में अश्विनी महाजन ने मंच की ओर से कराए गए सर्वेक्षण का भी हवाला दिया है। उन्‍होंने लिखा है कि स्‍वदेशी जागरण मंच द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में चीनी वस्‍तुओं पर मौजूदा टैरिफ बेहद कम होने की बात सामने आई है। शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से किए जाने वाले आयात को कम करने के लिए भारत सरकार को टैरिफ रेट बढ़ाने की जरूरत है।
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चीन के खिलाफ सख्‍त कदम उठाए भारत सरकार
बता दें कि चीन पहले से ही आर्थिक तनाव में है। अमरीका ने चीन के एकपक्षीय कारोबारी नीतियों का विरोध करते हुए पिछले कुछ महीनों के दौरान चीनी उत्‍पादों पर भारी शुल्‍क लगाया है। भारत सरकार भी चीन द्वारा आतंकवादियों को बचाने की अनुचित कार्रवाई और व्‍यापार असंतुलन को कम करने के लिए ये कदम उठाना चाहिए। अगर भारत ये कार्रवाई करता है तो आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में हमें दूसरों देशों को सहयोग और ज्‍यादा मिल सकता है।
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