कोर्ट जनभावनाओं का सम्मान करें-भैय्याजी जोशी
धर्मसभा को संबोधित करते हुए भैय्याजी जोशी ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि जो कार्य हो वह शांतिप्रिय तरीके से निपटे। संघर्ष करना होता तो इंतजार नहीं करते। इसलिए सभी लोग इसमें सकारात्मक पहल करें। हमारा किसी के साथ संघर्ष नहीं, राम राज्य में ही शांति आएगी । ‘जोशी ने कहा, ‘भगवान राम का मंदिर भविष्य में रामराज्य का आधार बनेगा। अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने वाले आज दुखी होते हैं। भक्त मंदिर में भगवान के दर्शन करना चाहते हैं, सब चाहते हैं कि अयोध्या में राम भव्य मंदिर में रहें। संघ के सरकार्यवाहक ने कहा कि 1992 में काम अधूरा रह गया। ढांचा गिरा पर मंदिर नहीं बना। संविधान का रास्ता बाकी है। हमारी यही अकांक्षा है कि कानून बनाते हुए राम मंदिर की सभी बाधाएं दूर हों। न्यायालय से भी यही अपेक्षा है कि वह जन्मभूमि का सम्मान करेगा।’
कई साधु-संत हुए शामिल
आपको बता दें कि धर्मसभा में साध्वी ऋतंभरा, महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगतगुरु हंसदेवाचार्य महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। 2011 में राम मंदिर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने इसे भूमि विवाद मानकर जनवरी में सुनवाई करने की तारीख दी है।