मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच देश भर के उलेमाओं को साधेगा। इसके लिए 16 जनवरी को दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में उलेमा कांग्रेस बुलाई गई है, जिसमें देश भर के 200 से अधिक उलेमा और धर्मगुरुओं को बुलाया गया है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के एक पदाधिकारी का कहना है कि इस सम्मेलन में नागरिकता संशोधन कानून और इससे आ रही दिक्कतों पर चर्चा होगी। मंच से जुड़े पदाधिकारी ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर मुसलमानों में बढ़ती नाराजगी और भ्रम से जुड़े सवालों पर चर्चा होगी।
मुस्लिम मंच का मानना है कि देश भर में अफवाह फैलाई जा रही है कि आगे चलकर इस कानून के चलते नागरिकता का सबूत मांग जाएगा। इसलिए इस मुद्दे पर अभियान चलाकर संशय दूर किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के प्रवक्ता नफीस हुसैन के मुताबिक, यह सम्मेलन जमात उलेमा हिंद के अध्यक्ष सुहेब कासमी के नेतृत्व में हो रहा है, जिसमे देवबंद, अहले हदीस, बरेली शरीफ और निजामुद्दीन दरगाह जैसे धार्मिक संस्थाओं के धर्मगुरुओं को बुलाया गया है।
इसके अलावा इस सम्मेलन में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों को भी बुलाया गया है, जहां से इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी। हुसैन के अनुसार, इस तरह का आयोजन देश के अन्य शहरों में भी होगा। अब देखना यह है कि इस संवाद से CAA को लेकर मुस्लिम समुदाय अपनी राय बदलेंगे या फिर विरोध आगे भी जारी रहेगा।