प्रधानमंत्री के कपड़ों पर नहीं होता सरकारी खर्च
आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित सभरवाल ने आरटीआई दाखिल कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के कपड़ों पर सरकारी खर्च की जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में पीएमओ ने इसे व्यक्तिगत सवाल बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा पहने गए कपड़ों पर हुए खर्च की जानकारी का ब्यौरा नहीं रखा जाता है। पीएमओ ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री के कपड़ों पर सरकारी पैसे नहीं खर्च किए जाते हैं।
आरटीआई के जवाब से विवाद खत्म होने की उम्मीद
आरटीआई एक्टिविस्ट सभरवाल ने कहा कि लोगों का मानना है कि पीएम मोदी के कपड़ों पर सरकार बहुत खर्च करती है क्योंकि पीएम मोदी एक कपड़े को दोबारा पहने हुए नहीं दिखाए देते हैं। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई है कि पीएमओ से जवाब आने के बाद अब इस पर विवाद खत्म हो जाएगा।
लग चुका है ‘सूट-बूट की सरकार’ होने का ठप्पा
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों पर सबसे पहले विवाद तब खड़ा हुआ था जब तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति के बराक ओबामा के नई दिल्ली में मुलाकात के दौरान मोदी ने अपने नाम की कढ़ाई की हुई सूट पहना हुआ था। इस सूट पर काफी विवाद हुआ था और उनकी सरकार पर सूट-बूट की सरकार होने का ठप्पा भी लग गया। बाद में इस सूट की नीलामी में सूरत के हीरा व्यापारी लालजी पटेल ने 4.31 करोड़ रूपए में इसे खरीद लिया था।