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Ryan School : माली के बयानों से सुलझने के बजाय और उलझा प्रद्युम्न मर्डर केस

locationनई दिल्लीPublished: Sep 15, 2017 12:35:27 pm

Submitted by:

Devesh Kr Sharma

माली ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान उसे थप्पड़ मारे गए, पीटा गया और पानी में उसके सिर को डुबोया गया।

Ryan School : माली के बयानों से सुलझने के बजाय और उलझा प्रद्युम्न मर्डर केस

Ryan School : माली के बयानों से सुलझने के बजाय और उलझा प्रद्युम्न मर्डर केस

नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली से सटे गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में आठ सितंबर को हुई दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की हत्या की गुत्थी सुलझाने के बजाय लगातार उलझती जा रही है। मामले में आए दिन नए-नए बयान सामने आ रहे हैं। जिनसे मामला उलझता ही जा रहा है। जहां एसआईटी टीम ने गुरुवार को भौंडसी थाना पहुंचकर हरपाल के बयान दर्ज किए, वहीं इस मर्डर मिस्ट्री में हरियाणा पुलिस अपनी ही थ्योरी में उलझती नजर आ रही है। माली हरपाल जो इस मर्डर का सबसे पहला चश्मदीद है, जिसने वारदात के बाद सबसे पहले प्रद्युम्न को देखा था। हरपाल ने मामले में पुलिस की थ्योरी को पूरी तरह से झुठला दिया है।
उधर, माली ने पूछताछ में पुलिस पर ज्यादती का आरोप लगाया। माली हरपाल ने साफ कहा कि जब उसने पहली बार देखा तो प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या का मुख्य आरोपी अशोक कुमार की शर्ट पर खून के धब्बे नहीं थे। माली ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान उसे थप्पड़ मारे गए, पीटा गया और पानी में उसके सिर को डुबोया गया। बता दें कि एक ही सप्ताह में पुलिस की ओर से पूछताछ में कथित तौर पर मारपीट का ये दूसरा आरोप लगा है। बस ड्राइवर सौरभ राघव ने भी पुलिस पर मानसिक दबाव का आरोप लगाया था।
वहीं यह सवाल ये पैदा होता है कि अगर कंडक्टर कातिल है, तो वो मौका-ए-वारदात से भागा क्यों नहीं? कंडक्टर कत्ल के बाद न सिर्फ वहीं रुका रहा बल्कि खून से सने प्रद्युम्न को कार तक पहुंचाने में भी वो साथ था। बस के ड्राइवर और घटना के चश्मदीद के बाद अब रेयन स्कूल के माली ने भी पुलिस के दावों पर सवाल उठाए हैं। माली का दावा है कि आरोपी अशोक वारदात के वक्त बाथरुम के पास नहीं था। माली के इस दावे के बाद प्रद्युम्न के मर्डर का रहस्य और भी गहरा गया है।
हरपाल के अनुसार पुलिस ने जिसे मुख्य आरोपी मानकर सलाखों के पीछे डाल रखा है वो उस वक्त टॉयलेट के आस-पास भी नहीं था। हरपाल ने कहा कि, वारदात के दिन नर्सरी में काम करने के बाद मैं पानी पीने जा रहा था। वाटर कूलर के पास काफी बच्चे जमा थे और चीख-पुकार मचा रहे थे। जब मैं वहां पहुंचा तो प्रद्युम्न टॉयलेट के बाहर गलियारे में खून से लथपथ पड़ा था। मैंने सबसे पहले अंजू मैम को बताया। तब मैम ने उसे उठाने को कहा था।
माली का दावा है कि अशोक पहले से बाथरुम में नहीं था। वाटरकूलर की तरफ बाहर जाने का एक दरवाजा है अशोक उसी दरवाजे से अंदर आया था और प्रद्युम्न को उठाने से पहले अशोक के कपड़ों पर खून के निशान नहीं थे। रायन स्कूल के माली हरपाल की इस बात की तस्दीर स्कूल की टीचर अंजू डुडेजा ने भी की है। जब पुलिस ने स्कूल की टीचर अंजु डुडेजा से पूछताछ की तो उन्होंने भी कहा कि सबसे पहले माली ने ही उन्हें खबर दी और उन्होंने ही माली से प्रद्युम्न को उठाने में कंडक्टर अशोक की मदद लेने के कहा। ऐसे में बड़ा प्रश्र ये पैदा होता है कि अगर कंडक्टर कातिल है, तो वो मौका-ए-वारदात से भागा क्यों नहीं? कंडक्टर कत्ल के बाद न सिर्फ वहीं रुका रहा बल्कि खून से सने प्रद्युम्न को कार तक पहुंचाने में भी वह साथ था और ये सब वहां मौजूद लोगों ने अपनी आंखों से देखा।

शुरुआत में कहा गया कि यौन शोषण के चलते मासूम प्रद्युम्न का मर्डर किया गया लेकिन ये बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने झुठला दी। अशोक ने कहा कि टूल किट में रखे चाकू से उसने प्रद्युम्न का मर्डर किया लेकिन बस के ड्राइवर ने कहा कि किट में चाकू था ही नहीं। कुछ इसी तरह के सवालों में हरियाणा पुलिस उलझकर रह गई है। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्रद्युम्न के मर्डर का मकसद जानना है। वहीं कंडक्टर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा था कि आरोपी ने मर्डर के बाद यूनिफॉर्म बदलने की बात कबूली है। जबकि कंडक्टर की पत्नी ममता का कहना है कि उसके पति के पास स्कूल की दी हुई एक ही यूनिफॉर्म थी। वारदात के बाद उसने दूसरी यूनिफॉर्म कैसे पहनी/ चाकू पर खून के निशान न होने व चाकू नया होने की बात पहले ही सामने आ चुकी है।
पुलिस के मुताबिक प्रद्युम्न की ड्रेस पर सीमेन के अंश मिले थे जबकि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर ने इससे इनकार किया है। पुलिस जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में विरोधाभास है। बस का ड्राइवर टूल बॉक्स में चाकू होने की बात पहले ही इनकार कर चुका है। माली ने बयान दिया है कि कंडक्टर बाथरूम के अंदर नहीं था। प्रदेश के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर भी इस बात की संभावना जता चुके हैं कि केस में बाहर का कोई व्यक्ति हो सकता है।
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