प्रद्युम्न के पिता की मांग है कि जब तक केस सीबीआई को नहीं मिल जाता, तब तक प्रशासन स्कूल को कैसे खुलने दे रहा है। उन्होंने कहा कि हम अपनी बेटी को उस स्कूल में नहीं भेजेंगे, किसी भी स्कूल में भेजने से डर लगता है। वरुण का कहना है कि हमें लगता है कि इस घटना में स्कूल के ही कुछ लोग शामिल हैं, अगर स्कूल दोबारा खुलता है तो लोगों को सबूतों से छेड़छाड़ करने का मौका मिल जाएगा।
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को दूसरी कक्षा के 7 वर्षीय छात्र के प्रद्युम्न के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश के बाद उसकी गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बस कंडक्टर अशोक समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी अशोक कुमार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
देश के सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर दायर एक याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। शीर्ष कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। नोटिस का जवाब देने के लिए शीर्ष कोर्ट ने तीन सप्ताह का समय दिया है। याचिका कई महिला वकीलों से संयुक्त रूप से दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में सुरक्षा को लेकर गाइडलाइंस तो बनाई है, लेकिन इन नियमों का कोई पालन नहीं कर रहा है।
एक दिन पहले सीबीएसई ने जारी किए थे आदेश
गुरुवार को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई 7 साल के बच्चे की हत्या को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएइर्स) ने सभी संबंधित स्कूलों के लिए नए निर्देश जारी किए थे। सीबीएसई ने प्रद्युमन हत्या मामले में सामने आई स्कूल प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए स्कूलों को सख्त निर्देश दिए हैं कि स्कूल कैंपस के अंदर बच्चे की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी।
बुधवार को सीबीएसई के डिप्टी सेक्रेटरी एफिलिएशन जयप्रकाश चतुर्वेदी ने सुप्रीम कोर्ट के एक सवाल का जवाब देते हुए संबंधित स्कूलों को ये निर्देश दिए हैं। सीबीएसई ने एक सर्कुलेशन जारी कर सभी संबंधित स्कूलों को अपने कर्मचारियों का मनोचिकित्सा टेस्ट कराने को कहा है। बोर्ड ने इस टेस्ट के लिए सिर्फ 2 महीने का समय दिया है। बोर्ड के निर्देश के बाद स्कूल के टीचरों के अलावा, गैर-शिक्षण कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, बस ड्राइवर और कंडक्टरों का भी साइकोमेट्रिक टेस्ट कराने को कहा है।