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सबरीमला पर कोर्ट के फैसले पर संघ ने कहा, अनदेखी नहीं की जा सकती श्रद्धालुओं की भावनाएं

भैयाजी जोशी ने कहा कि दुर्भाग्य से केरल सरकार ने श्रद्धालुओं की भावनाओं पर विचार किए बगैर ही अदालत के फैसले को लागू करने की दिशा में कदम उठा लिए हैं।

Oct 03, 2018 / 09:39 pm

Chandra Prakash

सबरीमला पर कोर्ट के फैसले पर संघ ने कहा, अनदेखी नहीं की जा सकती श्रद्धालुओं की भावनाएं

नई दिल्ली। सबरीमला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने प्रतिक्रिया दी है। संघ ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण सामाजिक असंतोष देखा जा रहा है। ऐसे में सभी पक्षकारों को शांतिपूर्ण ढंग से मिलजुल कर इसका समाधान खोजना चाहिए।

अनदेखी नहीं की जा सकती श्रद्धालुओं की भावनाएं: संघ

संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि सबरीमला देवस्थानम को लेकर आए हाल के फैसले के कारण देशभर में प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। हम सब देश के विभिन्न मंदिरों में प्रचलित पूजा पद्धतियों का सम्मान करते हैं और हमें सुप्रीम कोर्ट का भी सम्मान करना चाहिए। जोशी ने कहा कि सबरीमला देवस्थानम मामला एक स्थानीय मंदिर परंपरा और धर्म से जुड़ा मामला है जिससे महिलाओं सहित लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ीं हैं। फैसले पर विचार करते हुए इन श्रद्धालुओं की भावनाओं की अनदेखी नहीं की जा सकती है।

 

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मिलबैठकर निकालना होगा : भैयाजी जोशी

भैयाजी जोशी ने कहा कि दुर्भाग्य से केरल सरकार ने श्रद्धालुओं की भावनाओं पर विचार किए बगैर ही अदालत के फैसले को लागू करने की दिशा में कदम उठा लिए हैं। इससे स्वाभाविक रूप से श्रद्धालुओं की ओर से प्रतिक्रिया हुई है जो बलपूर्वक परंपरा तोड़ने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान बनाए रखने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आध्यात्मिक विभूतियों एवं सामुदायिक नेताओं सहित सभी पक्षकारों का आह्वान करता है कि वे मिलजुल कर इस मुद्दे पर चिंतन मनन करें और न्यायिक विकल्पों सहित उपलब्ध विकल्पों को तलाशें।

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