नई दिल्ली। भारतीय कंपनियों में 2017 में 10 प्रतिशत तक औसतन वेतन वृद्धि होने की उम्मीद है। पिछले साल भी इतनी ही वेतन वृद्धि हुई थी। विलीज टॉवर वॉटसन की सैलरी बजट प्लानिंग रिपोर्ट के अनुसार ये वेतन वृद्धि पिछले साल भी इतनी थी मगर फिर भी ये एशिया पेसिफिक के विकासशील और प्रगतिशील बाजार में अधिकतम है।
एशिया पेसिफिक में सबसे ज्यादा वेतन वृद्धि होगी भारत में
हालांकि, वास्तविक वेतन वृद्धि पिछले दो सालों में अनुमान की तुलना में कम रही है। भारतीय कर्मचारी 2011 के बाद से ही औसतन वृद्धि का सामना कर रहे हैं। इससे पहले वेतन दोहरे अंक से भी नीचे था। विलीज टॉवर्स वॉटसन में एशिया पेसिफिक के डाटा सर्विस प्रैक्टिस लीडर संभव राकयान कहते हैं कि हम इस क्षेत्र में बहुत कम वेतन वृद्धि का बजट देख रहे हैं। राकयान ने आगे कहा कि इसके बावजूद भी भारत में हमें 2017 में अधिकतम वेतन वृद्धि देखने को मिलेगी। एशिया पेसिफिक के उभरते बाजार की तुलना में ये वेतन वृद्धि सबसे ज्यादा होगी।
इन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा बढ़ेगी एम्प्लॉयज की सैलरी
इसमें फार्मास्यूटिकल्स और मीडिया के क्षेत्र में सबसे ज्यादा वेतन बढऩे की उम्मीद है। साथ ही फाइनेंशियल सर्विसेज और ऊर्जा से जुड़ी इंडस्ट्री के वेतन में गिरावट देखने को मिल सकती है। तकनीकी कंपनियों में सैलरी वैसी ही रहेगी। इस सेक्टर में वेतन में कोई खास बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। इन आकंडों में साफ हुआ है कि सभी कंपनियां अच्छी परफोरमेंस देने वाले कर्मचारियों पर अच्छा बजट खर्च करेगी। इस साल कंपनी के अच्छे परफॉरमर्स को 38 प्रतिशत तक सैलरी हाइक मिल सकता है जोकि आमतौर पर 10 प्रतिशत तक सिमट कर रह जाता है।
अच्छी परफॉरमेंस देने वाले कर्मचारियों को मिलेगी अच्छा इंक्रीमेंट
कंपनियों में औसत से ऊपर परफोरमेंस देने वाले कर्मचारियों के लिए बजट का 34 प्रतिशत तक तय किया गया है। वहीं औसत काम करने वालों के लिए 28 प्रतिशत बजट का प्रावधान है। इस तरह से कंपनियां अच्छा काम करने के लिए कर्मचारियों को लुभाने के साथ ही उन पर दबाव भी बढ़ा सकती है। अब इन कंपनियों को भी टेलेंटेड लोगों की तलाश रही है। ये सर्वे देशभर की 300 कंपनियों पर किया गया। दुनियाभर की 10,000 कंपनियों को इसमें शामिल किया गया। इस सर्वे में सामने आया कि 34 प्रतिशत कंपनियां बिजनेस रेवन्यू में सकारात्मक बदलाव देखना चाहती हैं। वहीं 59 प्रतिशत लोग ऐसे थे जो रेवन्यू में कोई बदलाव नहीं देखते।