सूत्रों ने कहा कि रामगढ़ सेक्टर के चम्बलियाल गांव में सतवाल सीमा चौकी के नजदीक खेत में भारतीय सीमा की तरफ खुलती एक सुरंग बनाई गई थी।
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में सेना ने घुसपैठ की कोशिश नाकाम करते हुए जिन आतंकवादियों को मार गिराया था वे एक सुरंग के जरिए घुसे थे, जो चम्बलियाल गांव में भारतीय सीमा की तरफ खुलती है । सूत्रों ने कहा कि रामगढ़ सेक्टर के चम्बलियाल गांव में सतवाल सीमा चौकी के नजदीक खेत में भारतीय सीमा की तरफ खुलती एक सुरंग बनाई गई थी।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने चम्बलियाल गांव में घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए े तीन आतंकवादी मार गिराये थे। सूत्रों ने बताया कि मारे जाने से पहले आतंकवादियों को घुसपैठ के दौरान जब बीएसएफ सैनिकों ने देखा तो वे सुरंग में छिप गये। सूत्रों ने दावा किया कि चार आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में थे, जिसमें से एक भाग गया।
गौरतलब है कि 28 और 29 नवंबर की दरमियानी रात को करीब साढ़े 11 बजे बीएसएफ ने रामगढ़ सेक्टर में कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखी जिसके बाद त्वरित कार्रवाई दल ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। इसके बाद घुसपैठ का प्रयास कर रहे तीन आतंकवादी मारे गये। आतंकवादियों के पास से 18 मैगजीन, तीन आईईडी बेल्ट, पांच आईईडी चैन जो रेलवे ट्रैक उड़ाने में इस्तेमाल की जाती है और एक वायरलेस सेट के अलावा बड़ी मात्रा में हथियार और गोला बारुद बरामद किया गया।
नगरोटा हमला: आतंकियों के पास मिले पर्चे, लिखा- अफजल के इंतकाम की एक और किस्त
उधर, जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में हुए हमले के दौरान मारे गए आतंकियों के पास से भारत में बने सामान बरामद हुए हैं, जिससे साफ हो गया है कि आतंककारियों को लोकल सपोर्ट मिल रहा है। नगरोटा इलाका पाकिस्तान बॉर्डर से करीब 30 किलोमीटर दूर है, यानी एक बार में यहां तक सफर करना नामुमकिन है।
आतंकियों ने करीब 6 दिन में हमले की प्लानिंग की थी। आतंकियों ने पुलिस की जो ड्रेस पहनी हुई थी, उन्हें भी बॉर्डर इलाके पर सिलकर तैयार किया गया था। माना जा रहा है ये आतंकी अफ जल गुरु की मौत का बदला लेने के इरादे से आए थे। मारे गए दहशतगर्दों के पास से कुछ कागज बरामद हुए हैं, जिनपर उर्दू भाषा में लिखा हुआ है। इस कागज पर ‘अफ जल गुरु के इंतकाम की एक और किश्तÓ लिखा हुआ है। इस बीच, नगरोटा हमले को लेकर एक और खुलासा हुआ है। नगरोटा आर्मी यूनिट के ऑफि सर्स मेस के एंट्री गेट पर कोई भी सशस्त्र सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था।