आपको बता दें कि 11 मार्च को सुनवाई के दौरान ही एनआईए की विशेष कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और 14 मार्च को फैसला सुनाने वाली थी। लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते उस दिन सुनवाई टाल दी गई थी। वहीं, इस मामले में पाकिस्तानी महिला राहिला वाकिल की ओर से एक गवाही याचिका दायर की गई थी। महिला ने इस मामले में नए सबूत होने का दावा किया था, जिस पर आज फैसला आना था कि कोर्ट इसे स्वीकार करता है या नहीं।
गौरतलब है कि दिल्ली-लाहौर समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के नजदीक बम विस्फोट किया गया था। इस बम धमाके में 68 लोग मारे गए थे और 12 अन्य घायल हुए थे। वहीं, मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे। मामले में कुल 8 आरोपी थे, जिनमें मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है। समझौता एक्सप्रेस ट्रेन ब्लास्ट के कथित मास्टरमाइंड सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है। जबकि तीन अन्य आरोपी रामचंद्र कलसंगरा, संदीप डांगे और अमित फरार चल रहे हैं। 6 मार्च को इस केस की सुनवाई पूरी हो गई थी।