छह बैंकों से लिया था कर्ज
जानकारी के मुताबिक, रामदेव इंटरनेशनल ने बैंकों से कुल 414 करोड़ रुपये कर्ज लिए हैं। जिसमें एसबीआई से 173.11 करोड़, केनेरा बैंक से 76.09 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 64.31 करोड़ रुपया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 51.31 करोड़, कारपोरेशन बैंक से 36.91 करोड़ और 12.27 करोड़ रुपये आइडीबीआई बैंक से लिए थे।
सीबीआई ने दर्ज किया मामला ( SBI Lodges FIR )
बता दें कि शख्स ने साल 2016 में ही कंपनी को एनपीए घोषित कर दिया था। उसके बाद वह विदेश फरार हो गए। एसबीआई ने 28 अप्रैल को सीबीआई में एफआईआर दर्ज कराई थी। सीबीआई ने कंपनी और उसके निदेशक, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, संगीत और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें धोखाधड़ी, क्रिमिनल ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
2016 में पता चला गड़बड़ी का
एसबीआई ने कहा है कि साल 2016 में ऑडिट के दौरान आरोपी के खातों में गड़बड़ी का पता चला। उसने धोखाधड़ी से बैंलेंस शीट को ठग लिया और बैंक धन की लागत पर गैरकानूनी तरीके से हासिल करने के लिए संयंत्र और मशीनरी को अनधिकृत रूप से हटाया है। जब बैंक जांच की तो कंपनी के सदस्य गायब मिले। बाद में पता चला सभी देश छोड़कर फरार हो गए हैं।
देरी हुई शिकायत!
बता दें कि कंपनी के मालिक के फरार होने की सूचना एक साल पहले ही लग गई थी। लेकिन, एसबीआई ने शिकायत तब की जब उसके रुपये वापस नहीं मिले। आरोपियों ने ज्यादातर संपत्ति बेच दी है। बता दें कि 2018 में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश में बताया गया कि ये प्रवर्तक दुबई भाग गए हैं।